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दूर-दराज और नक्सल क्षेत्रों में खुलेंगे कंटेनर हेल्थ क्लीनिक

मौजूदा समय में औद्योगिक घरानों से मिलने वाले सोशल वेलफेयर फंड से आईजीआईबी दूर-दराज के करीब 70 स्थानों पर ऐसे क्लीनिकों का संचालन कर रही है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Sun, 05 Nov 2017 07:17 PM (IST)Updated: Sun, 05 Nov 2017 07:17 PM (IST)
दूर-दराज और नक्सल क्षेत्रों में खुलेंगे कंटेनर हेल्थ क्लीनिक
दूर-दराज और नक्सल क्षेत्रों में खुलेंगे कंटेनर हेल्थ क्लीनिक

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्वास्थ्य सेवाओं से अछूते दूर-दराज, पहाड़ी और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को सरकार जल्द ही कंटेनर हेल्थ क्लीनिक का तोहफा दे सकती है। मौजूदा समय में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़ी संस्था सीएसआईआर (वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद) की ईकाई आईजीआईबी ऐसे कुछ चुनिंदा क्लीनिक का संचालन कर रही है। जो अपने आप में अनूठा होने के साथ ही लागत के लिहाज से काफी किफायती भी है। मौजूदा समय में औद्योगिक घरानों से मिलने वाले सोशल वेलफेयर फंड से आईजीआईबी दूर-दराज के करीब 70 स्थानों पर ऐसे क्लीनिकों का संचालन कर रही है।

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क्लीनिक की खासियत यह है कि इसके लिए न तो डाक्टरों की जरूरत होती है, न ही भारी भरकम इंफ्रास्ट्रक्चर की। पूरी क्लीनिक को सिर्फ एक 12वीं पास व्यक्ति थोड़ी सी ट्रेनिंग के बाद संचालित कर लेता है। ऑनलाइन सिस्टम के जरिए मरीजों को सीधे डाक्टर से जोड़ देता है। बाद में डाक्टरों ने जो दवाएं बताई, उसे नोट करके उन्हें दे देता है। कंटेनर क्लीनिक की इसी खूबी को देखते हुए सरकार अब इस प्रोजेक्ट को आने बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है। पिछले दिनों मंत्रालय स्तर पर इसे लेकर कई बैठकें भी हो चुकी है।

माना जा रहा है कि दूर-दराज क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने की मुहिम में जुटी सरकार जल्द ही इसे मंजूरी दे सकती है। सीएसआइआर से जुड़े डा अनुराग अग्रवाल बताते हैं कि एक अनुमान के मुताबिक एक कंटेनर क्लीनिक मात्र पांच लाख रुपए में चालू हो जाती है। क्योंकि इसके लिए स्क्रैप में पड़ा कंटेनर मात्र एक लाख में मिल जाता है। इसके लिए इंटरनेट कनेक्शन, टीवी, कंप्यूटर और एक टेलीफोन की जरूरत होती है। आईजीआईबी के मुताबिक इस प्रोजेक्ट की शुरुआत पहले खुद के शोध के लिए किया गया, लेकिन लोगों के रुझान को देखते हुए इसे विस्तार दिया गया है। कंटेनर क्लीनिक से जुड़े डा अनुराग अग्रवाल के मुताबिक मौजूदा समय में यह क्लीनिक पहाडी क्षेत्रों के साथ अलग-अलग के बीमारियों से प्रभावित क्षेत्रों में संचालित की जा रही है।

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