उपभोक्ता पैनल ने विमानन छात्र को पूर्ण शुल्क वापसी के फैसले से किया इनकार
नई दि्लली एनसीडीआरसी ने एक विमानन छात्र की अपील खारिज कर दी जिसमें उसने अपने संस्थान से पूरे शुल्क वापसी की मांग की थी।
नई दिल्ली (प्रेट्र)। सर्वोच्च उपभोक्ता आयोग ने एक विमानन छात्र को राहत देने से इनकार कर दिया है जिसने अपने संस्थान से शुल्क वापसी की मांग की थी। उक्त छात्र ने संस्थान पर आरोप लगाया था कि संस्थान ने उड़ान प्रशिक्षण में उसे अधिक समय नहीं दिया था। हालांकि संस्थान का कहना है उसने स्वेच्छा से प्रशिक्षण को बीच में ही रोक दिया था। लेकिन छात्र का कहना है कि प्रशिक्षण के प्रति उसका दृष्टिकोण आकस्मिक था। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग नई दिल्ली (एनसीडीआरसी) ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में टचवुड एविएशन अकादमी को अपील की अनुमति दी और कहा कि यह स्पष्ट है कि छात्र को हुई परेशानी से उसे नुक्सान हुआ।
हाल ही में एनसीडीआरसी ने जारी किये अपने आदेश में छात्र को 4.6 लाख रुपए की पूरी शुल्क वापसी से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि उसने स्वेच्छा से उड़ान प्रशिक्षण रोक दिया था। हालांकि, संस्थान की वेबसाइट पर दिए गए नियमों और शर्तों के मुताबिक, 78,200 रूपए की शुल्कवापसी उक्त छात्र को दी गई है। "अन्य छात्रों ने छह महीने के अंदर अपने 50 घंटे का उड़ान प्रशिक्षण पूरा किया। सर्वोच्च उपभोक्ता पीठ के अध्यक्ष बी. सी. गुप्ता ने कहा, "हमारे विचार में शिकायतकर्ता के उचित शिकायत पर 78,200 रुपये का रिफंड देकर नियम का पालन किया हैं।"
संस्थान ने राज्य आयोग और जिला फोरम के आदेश के खिलाफ एनसीडीआरसी से संपर्क किया था जिसमें अकादमी को क्रमशः 3,67,000 और 2,40,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश किया गया था। छत्तीसगढ़ के निवासी विशाल शदांगी द्वारा दायर शिकायत के अनुसार, "उन्होंने 29 अगस्त, 2007 को अकादमी में प्रवेश लिया और एक निजी पायलट लाइसेंस के लिए पंजीकरण शुल्क 35,000 रुपये और 4.6 लाख रुपये का पाठ्यक्रम शुल्क जमा किया।" उसने आरोप लगाया कि "संस्थान पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए उसे वास्तविक उड़ान समय प्रदान करने में असफल रहा। लाइसेंस प्राप्त करने के लिए ये उसके लिए अनिवार्य था। मुख्य उड़ान प्रशिक्षक ने भी नौकरी छोड़ दी, जिसके बाद उसे दिसंबर 2007 में संस्थान छोड़ने के लिए प्रेरित किया गया। "
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