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नए संसद भवन के निर्माण का कार्य शुरू, करीब 22 महीने में काम पूरा होने की संभावना

निर्माण कार्य करीब 22 महीने में पूरा होने की संभावना है। सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नए संसद भवन एक साझा केंद्रीय सचिवालय का निर्माण और राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ का पुनरुद्धार प्रस्तावित है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 02 Oct 2020 07:58 AM (IST)Updated: Fri, 02 Oct 2020 07:58 AM (IST)
नए संसद भवन के निर्माण का कार्य शुरू, करीब 22 महीने में काम पूरा होने की संभावना
निर्माण कार्य करीब 22 महीने में पूरा होने की संभावना।

नई दिल्ली, प्रेट्र। मिट्टी की खोदाई के साथ नए संसद भवन के निर्माण का काम शुरू हो गया है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने पिछले महीने मौजूदा संसद भवन के पास नए भवन के निर्माण के लिए निविदा हासिल की थी। सेंट्रल विस्टा पुनíवकास परियोजना के तहत यह निर्माण किया जा रहा है। निर्माण कार्य करीब 22 महीने में पूरा होने की संभावना है। सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नए संसद भवन, एक साझा केंद्रीय सचिवालय का निर्माण और राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ का पुनरुद्धार प्रस्तावित है। एक अधिकारी ने कहा, 'संसद भवन के प्रवेश के एक स्वागत-कक्ष को दूसरी जगह बनाया जा रहा है ताकि भारी वाहनों की आवाजाही के लिए जगह बन सके।'

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उन्होंने बताया कि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के छोटे कार्यालयों और एक विद्युत केंद्र को हटा दिया गया है ताकि नए संसद भवन का रास्ता साफ हो सके। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि वर्तमान संसद भवन परिसर में प्रवेश के दो मार्गो को भी हटाने का काम शुरू हो गया है।

संसदीय समिति हाथरस मामले का संज्ञान लेगी : भाजपा सांसद

अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों के कल्याण पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष और भाजपा सांसद किरीट सोलंकी ने कहा कि हाथरस कांड की पीडि़ता का अंतिम संस्कार देर रात में किए जाने से लोगों में गुस्सा है। उत्तर प्रदेश पुलिस को अधिक संवेदनशील और जिम्मेदार होना चाहिए। हाथरस कांड को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए सोलंकी ने कहा कि वह घटना की कड़ी निंदा करते हैं। दुष्कर्म का आरोप सिद्ध होने पर दोषियों को फांसी पर लटकाया जाना चाहिए। सोलंकी ने कहा, इस जघन्य अपराध के लिए दोषी पाए जाने वाले लोगों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए। यदि सामूहिक दुष्कर्म के आरोप साबित हो जाते हैं तो उन्हें कानून के अनुसार फांसी पर लटकाया जाना चाहिए।


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