सवालों के घेरे में कानून-व्यवस्था, दिल्ली में मजिस्ट्रेट के सामने दीवान का कत्ल
देश की राजधानी की कानून व्यवस्था पर तमाचा जड़ते हुए हथियारबंद बदमाशों ने कड़कड़डूमा कोर्ट में घुसकर मजिस्ट्रेट के सामने एक गैंगस्टर पर गोलियों की बौछार कर दी। इस दौरान दिल्ली पुलिस का एक हेड कांस्टेबल (दीवान) शहीद हो गया। वारदात के बाद आरोपियों ने भागने की कोशिश की, लेकिन
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। देश की राजधानी की कानून व्यवस्था पर तमाचा जड़ते हुए हथियारबंद बदमाशों ने कड़कड़डूमा कोर्ट में घुसकर मजिस्ट्रेट के सामने एक गैंगस्टर पर गोलियों की बौछार कर दी। इस दौरान दिल्ली पुलिस का एक हेड कांस्टेबल (दीवान) शहीद हो गया। वारदात के बाद आरोपियों ने भागने की कोशिश की, लेकिन दो बदमाशों को कोर्ट रूम में ही लोगों ने दबोच लिया और पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। दो अन्य बदमाशों को वकीलों ने घेरकर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने घायल गैंगस्टर को इलाज के लिए मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया है। बताया जा रहा है कि चारों आरोपी नाबालिग हैं।
वारदात बुधवार दिन में 11:30 बजे की है। छठी मंजिल पर 73 नंबर कोर्ट में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुनील गुप्ता की अदालत में नामी बदमाश इरफान उर्फ छेनू पहलवान को भारी सुरक्षा में पेशी पर लाया गया था। बताया जाता है कि छेनू के कोर्ट रूम में दाखिल होने के बाद चार लड़के वहां पहुंचे। एक गेट पर ही खड़ा रहा, जबकि तीन कोर्ट रूम के अंदर आ गए। सुनवाई शुरू हुई तो छेनू आरोपी के कठघरे में खड़ा हुआ। उसके साथ तीसरी बटालियन के हेड कांस्टेबल राम कंवर मीणा भी थे। इस बीच तीनों लड़कों ने छेनू की तरफ ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। उसे बचाने के प्रयास में मीणा के सीने और सिर में गोली लग गई। मीणा ने मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि गोली लगने से घायल हुए छेनू की हालत चिंताजनक है। उसे चार-पांच गोलियां लगी हैं।
चार हथियार हुए बरामद
करीब 12 से 13 राउंड गोलियां चलाने के बाद दो आरोपी कोर्ट रूम से बाहर भाग गए जबकि दो को वहां मौजूद स्टाफ और अन्य लोगों ने दबोच लिया और उनकी पिटाई शुरू कर दी। उधर, भाग रहे दो बदमाशों को वकीलों ने सीढि़यों पर ही पकड़ लिया। तब तक कोर्ट की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी ऊपर पहुंच गए। बदमाशों के पास से दो देसी कट्टा, एक रिवॉल्वर और एक पिस्टल बरामद हुई है।
बाल बाल बचे मजिस्ट्रेट
बदमाशों के निशाने पर इरफान उर्फ छेनू था। वह उसे हर हाल में मारना चाहते थे। बदमाशों ने गोलियां बरसानी शुरू कीं तो इरफान अपने आपको को बचाने की कोशिश करने लगा। बताया जाता है कि इस दौरान एक गोली मजिस्ट्रेट सुनील गुप्ता के पास से भी गुजरी। इससे वह बाल-बाल बचे।