मुंगेर और कोडरमा में ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त कराने की साजिश
रेलवे को शक है कि घटना के पीछे नक्सलियों या आतंकवादियों का हाथ हो सकता है। उधर झारखंड में तीन दिनों के अंतराल पर दो बार ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त कराने की साजिश रची गई।
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के दिन बिहार में बरियारपुर-रतनपुर स्टेशन के बीच अप और डाउन मार्ग में पटरी से जोड़नेवाले 17 पैंड्रॉल क्लिप खोल दिए गए थे। हावड़ा-गया व बर्द्धमान पैसेंजर ट्रेन उसी पटरी से गुजर गई। रेलवे को शक है कि घटना के पीछे नक्सलियों या आतंकवादियों का हाथ हो सकता है। उधर झारखंड में तीन दिनों के अंतराल पर दो बार ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त कराने की साजिश रची गई। ताजा मामला 26 जनवरी का है, जब ट्रेन हादसे के लिए कोडरमा-गिरिडीह रेल खंड के महेशपुर हॉल्ट के समीप फिशप्लेट को खोल दिया गया।
बिहार में बरियारपुर-रतनपुर स्टेशन के बीच पटरी निरीक्षण के दौरान ट्रैकमैन और पीडब्ल्यूआइ (परमानेंट वे इंस्पेक्टर) की नजर पैंड्रॉल क्लिप खुले होने की ओर गई। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना स्टेशन प्रबंधक को दी। इसके बाद अप मार्ग से आ रही ब्रह्मापुत्र मेल तथा डाउन मार्ग की अन्य गाडि़यों को रोक दिया गया। इस संबंध में आरपीएफ ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जमालपुर के कारखाना सुरक्षा आयुक्त वीसीबी राजू ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।
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पीडब्ल्यूआइ को ट्रैक पेट्रोलिंग के लिए अलर्ट किया गया है। उनके मुताबिक गुरुवार की सुबह लगभग सवा आठ बजे रेल पटरी की पेट्रो¨लग कर रहे ट्रैकमैन चंद्रशेखर राम और पीडब्लूआइ शिशिर कुमार ने अप मार्ग में किमी संख्या 350/8-9 के समीप 10 पैंड्रॉल क्लिप व डाउन पटरी के पाया संख्या 350/7-8 के समीप सात पैंड्रॉल क्लिप को खुला पाया। एक घंटे बाद खुले पैंड्रॉल क्लिपों को लगाया गया और 30 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से ट्रेनों को चलाया गया।
पूछताछ के क्रम में एक महिला ने बताया कि सुबह के समय लगभग 50 व्यक्तियों को पटरी के समीप देखा गया था। उधर झारखंड में ट्रेन हादसे के लिए कोडरमा-गिरिडीह रेल खंड के महेशपुर हॉल्ट के समीप फिशप्लेट को खोल दिया गया। गनीमत रही कि ट्रैकमैन की नजर पड़ गई और उसने पटाखा फोड़ व लाल झंडा लगा कोडरमा-कोवार पैसेंजर ट्रेन को रुकवा दिया, अन्यथा बड़े हादसे से इन्कार नहीं किया जा सकता था। यह ट्रेन सुबह छह से 9.10 बजे तक घटनास्थल पर ही खड़ी रही। इससे पूर्व 23 जनवरी को धनबाद के समीप स्थित थापरनगर रेलवे स्टेशन के करीब रेल पटरी पर सीमेंट का स्लीपर रखकर हावड़ा-नई दिल्ली दुरंतो एक्सप्रेस को दुर्घटनाग्रस्त कराने की साजिश रची गई थी।