फर्जी पुलिस अफसर बनकर करते थे ठगी, 3 एसीपी बने शिकार
मुंबई अपराध शाखा ने पुलिस अधिकारियों के साथ जालसाजी कर लूटने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। जानकारी के मुताबिक जालसाज ने डीसीपी बनकर तीन कांस्टेबल को एक खाते में पैसे जमा करने के लिए कहा था।
नई दिल्ली । मुंबई क्राइम ब्रांच ने पुलिस अधिकारियों के साथ जालसाजी कर लूटने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। जानकारी के मुताबिक जालसाजों ने डीसीपी बनकर तीन कांस्टेबल को एक खाते में पैसे जमा करने के लिए कहा था। मुंबई पुलिस ने जाल बिछाकर दिल्ली में इस गैंग के दो लोगों को धर दबोचा।
गिरफ्तार किए गए दोनों शख्स की पहचान हेमराज दलाल व सुनील मिश्रा के रुप में हुई। दोनों ही गुड़गांव से थे। मुंबई क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली थी कि इन लोगों ने तीन एसीपी व दो कांस्टेबल के साथ धोखाधड़ी की थी।
ठगी का तरीका
ठगी के लिए इनका काम करना का तरीका बड़ा ही अनोखा था। जालसाज ने डीसीपी बनकर कांस्टेबल को बुलाया और कहा कि एक बड़े अपराधी को पकड़ने के लिए उन्होंने जाल बिछाया है। उसने कांस्टेबल से कहा कि उन्हें टॉक टाइम की अर्जेंट जरुरत है। यही नहीं कांस्टेबल को इ-वॉलेट अकाउंट पैसा जमा करने के लिए कहा। साथ ही उसने कहा कि जैसे ही यह ऑपरेशन खत्म हो जाएगा उसका पैसा उसे वापस कर दिया जाएगा।
तीन कांस्टेबल में से दो ने फर्जी डीसीपी के अकाउंट में क्रमश: 60 हजार व 30 हजार रुपए जमा कर दिए। लेकिन इस बीच तीसरे कांस्टेबल को शंका थी कि कहीं कुछ गड़बड़ है। पुलिस अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि तीसरे कांस्टेबल ने इस पूरी घटना के बारे में एसीपी को बताया।
कांस्टेबल की शिकायत पर साइबर अपराध शाखा में यह मामला दर्ज कर लिया गया है।
यूपी, राजस्थान में भी थे सक्रिय
दोनों लोगों से पूछताछ के बाद ये जानकारी सामने आई कि इससे पहले वे उत्तर प्रदेश, राजस्थान व दिल्ली में फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर ठगी को अंजाम दे चुके हैं। यही नहीं गिरफ्त में आए हेमराज दलाल का भाई ऐसे ही मामले में जेल में बंद है। अन्य साथी सुनील मिश्रा मोबाइल से जुड़ी जरुरतों को देखा करता था। उसने अवैध तरीके से 30 सिमकार्ड खरीदे थे। पुलिस अब उस व्यक्ति की तलाश में जुटी है जिसने ये फोन कॉल किए।