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गुटबाजी से परेशान कांग्रेस, वरिष्ठों को देगी चुनाव कमान

दिल्ली के कांग्रेसी सूरमाओं की गुटबाजी रोक पाने में नाकाम रहे पार्टी हाईकमान ने सूबे की चुनावी कमान अन्य दिग्गजों के हाथों में सौंपने के विकल्प पर विचार शुरू कर दिया है। इसके तहत वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, अंबिका सोनी, भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली

By Abhishake PandeyEdited By: Published: Sat, 03 Jan 2015 07:39 AM (IST)Updated: Sat, 03 Jan 2015 07:47 AM (IST)
गुटबाजी से परेशान कांग्रेस, वरिष्ठों को देगी चुनाव कमान

नई दिल्ली। दिल्ली के कांग्रेसी सूरमाओं की गुटबाजी रोक पाने में नाकाम रहे पार्टी हाईकमान ने सूबे की चुनावी कमान अन्य दिग्गजों के हाथों में सौंपने के विकल्प पर विचार शुरू कर दिया है। इसके तहत वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, अंबिका सोनी, भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली में चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी सौंपने का प्रस्ताव है।

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पार्टी के उच्चपदस्थ सूत्रों की मानें तो पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन द्वारा लगातार दिल्ली की चुनावी कमान संभालने से इन्कार के मद्देनजर अब वरिष्ठ नेताओं की एक टीम बनाकर दिल्ली में चुनावी चुनौती का सामना करने की रणनीति बनाई गई है। सूत्रों ने यह भी बताया कि सातों संसदीय क्षेत्रों की जिम्मेदारी अलग-अलग वरिष्ठ नेताओं को दी जाएगी। एक संसदीय सीट में आने वाली सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ाने की जवाबदेही इन नेताओं की होगी। पार्टी नेताओं की मानें तो मुख्य रूप से चुनाव प्रचार की कमान प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली के हाथ में होगी और पीछे से वरिष्ठ नेताओं की टीम मार्गदर्शन का काम करेगी।

सनद रहे कि सूबे में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची भले ही जारी कर दी हो लेकिन पार्टी यह फैसला नहीं कर पाई है कि चुनाव प्रचार समिति की कमान कौन संभालेगा। पार्टी नेताओं के बीच यह चर्चा आम है कि यदि बेहतर चुनावी लड़ाई के मद्देनजर प्रत्याशियों के नाम तय करने में पार्टी इतिहास रच सकती है तो आखिर यह तय करने में क्या दिक्कत है कि दिल्ली में पार्टी का स्टार प्रचारक कौन होगा।

कांग्रेस के लिए दिल्ली की खास अहमियत इसलिए है कि पार्टी बीते 15 वर्षो तक सूबे में अपना राज चलाती रही है और आम आदमी पार्टी के आने से पहले तक वह भाजपा की मुख्य प्रतिद्वंद्वी पार्टी रही है। ऐसे में आगामी चुनाव पार्टी के भविष्य की दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है।

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