'हिंदू-पाकिस्तान' की विवादित टिप्पणी करने पर शशि थरूर के खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज
शशि थरूर ने कहा था कि 2019 में भाजपा की जीत होती है तो देश हिंदू-पाकिस्तान बन जाएगा, इस पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने उन्हें समन भेजा है।
कोलकाता (एएनआई)। कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को हिंदू-पाकिस्तान वाली विवादित टिप्पणी पर कोर्ट का सामना करना पड़ेगा। कलकत्ता हाइकोर्ट ने इस तरह की विवादित टिप्पणी करने के लिए थरूर को समन भेजा है। वकील सुमित चौधरी ने शशि थरूर पर ये आरोप लगाते हुए कोर्ट में मामला दर्ज किया कि शशि थरूर की टिप्पणी से धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं और यह देश के संविधान का अपमान है। जानकारी के मुताबिक, थरूर को 14 अगस्त को कोर्ट के समक्ष पेश होना है।
क्या कहा था शशि थरूर ने
तिरुवनंतपुरम में एक सभा को संबोधित करते हुए थरूर ने कहा था की 2019 में भाजपा जीती तो संविधान को तहस नहस कर देगी और एक ऐसे संविधान का निर्माण करेगी जो सिर्फ हिंदू राष्ट्र के हितों की रक्षा करेगी। देश हिंदू पाकिस्तान बन जाएगा। फिर वह भारत नहीं रहेगा जिसके लिए महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना आजाद और महान नायकों ने स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई लड़ी।
अपने इस बयान के पीछे शशि थरूर ने अपने तर्क दिए। उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए भाजपा को लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत चाहिए। राज्यसभा में फिलहाल भाजपा के पास बहुमत नहीं है, लेकिन आने वाले समय में राज्यसभा में भी भाजपा का बहुमत हो जाएगा। राज्यसभा में बहुमत हासिल करने के बाद भाजपा हिंदू राष्ट्र के एजेंडे पर बढ़ेगी।
भाजपा का पलटवार
उधर शशि थरूर के इस बयान पर भाजपा की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई है। भारतीय जनता पार्टी ने 'हिंदू पाकिस्तान' वाले बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री शशि थरूर पर हमला बोला है। भाजपा ने थरूर के बयान को वोट बैंक पॉलिटिक्स से जोड़ते हुए कांग्रेस और दूसरी पार्टियां के सेक्युलरिज्म को फर्जी करार दिया।भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि शशि थरूर का यह बयान हिंदुस्तान को नीचा दिखाने के साथ ही हिंदुओं को भी नीचा दिखाता है। उन्होंने कहा कि बार-बार कांग्रेस पार्टी के नेता इस तरह के बयान देकर पाकिस्तान को ऑक्सीजन देने का काम करते हैं।
जबकि थरूर के बयान पर टिप्पणी देते हुए पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि वह पढ़े-लिखे काबिल इंसान हैं। अगर उन्होंने कुछ कहा है, तो सोच-समझकर ही कहा होगा। उन्हें अपनी सोच रखने का अधिकार है।