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कांग्रेस नेता शंकर सिंह वाघेला को याद आए आरएसएस व संघ

वाघेला बोले कि वे भाजपा में एमएलए एमपी व सीएम बनाने वालों में थे आज यह माहौल बनाया जा रहा है कि वाघेला सीएम बनने का दबाव बना रहे हैं।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Tue, 20 Jun 2017 05:12 PM (IST)Updated: Tue, 20 Jun 2017 05:12 PM (IST)
कांग्रेस नेता शंकर सिंह वाघेला को याद आए आरएसएस व संघ
कांग्रेस नेता शंकर सिंह वाघेला को याद आए आरएसएस व संघ

शत्रुघन शर्मा, अहमदाबाद। गुजरात के दिग्गज नेता शंकरसिंह वाघेला ने खुलकर कांग्रेस के प्रति तल्खी जाहिर करते हुए कहा कि आरएसएस ने उन्हें पहचान दी तथा जनसंघ ने उन्हें नेता बनाया। भाजपा ने उन्हें बहुत कुछ दिया पर कभी ये बातें नहीं जतायीं, लेकिन कांग्रेस में ये सब हो रहा है। चुनाव सिर पर हैं पर कांग्रेस होमवर्क करने को तैयार नहीं है। वाघेला ने इस बीच 24 जून को शक्ति प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है। वो बोले कि हम एमपी एमएलए व सीएम बनाने वाले हैं बनने वाले नहीं।

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गांधीनगर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए नेता विपक्ष शंकरसिंह वाघेला ने कहा कि उन्होंने सत्ता नहीं संघर्ष की राजनीति को चुना है, भाजपा जब सत्ता में थी तब वे अलग हुए, कांग्रेस में भी पद या सत्ता के लालच में नहीं आए। उन्होंने तीसरी बार साफ किया कि वे सीएम पद की दावेदारी नहीं कर रहे हैं। वाघेला यही चाहते हैं कि नवंबर 2017 को चुनाव तय हैं तब पार्टी को अपना होमवर्क पूरा करके उम्मीदवार तय कर लेने चाहिए। एनसीपी व जदयू से गठबंधन करना है या नहीं इस पर फैसला होना चाहिए फिर बाद में किसी तरह की धोखेबाजी नहीं होनी चाहिए।

वाघेला ने केन्द्र में मंत्री बनाने के लिए सोनिया गांधी का आभार जताया, कहा कि गुजरात में वे कांग्रेस को सत्ता में लाना चाहते हैं सोनिया व राहुल गांधी, अहमद पटेल व अशोक गहलोत को अपनी बात बता चुके हैं लेकिन कोई फैसला नहीं लिया जा रहा। वाघेला ने इस तरह अपनी मात्र संस्था आरएसएस व जनसंघ को याद किया तथा कांग्रेस से विदाई के गीत शुरु कर दिए हैं।  वाघेला बोले कि वे भाजपा में एमएलए एमपी व सीएम बनाने वालों में थे आज यह माहौल बनाया जा रहा है कि वाघेला सीएम बनने का दबाव बना रहे हैं। वाघेला ने कहा कि उन्होंने कभी भी कांग्रेस के खिलाफ काम नहीं किया।

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल ने कहा है कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र, भाजपा में एक दो व्यक्ति ही सब फैसले करते हैं मीडिया के कैमरे को वो कभी नजर नहीं आता है। पार्टी अपना का बखूबी कर रही है, प्रदेश अध्यक्ष व नेता विपक्ष दोनों मिलकर ही काम कर रहे हैं, प्रत्याशी घोषित करना नहीं करना ये एक रणनीतिक हिस्सा है।

वाघेला अपने 15000 समर्थकों से 24 जून को गांधीनगर में मुलाकात कर आगे की रणनीति बनाएंगे। माना जा रहा है कि वाघेला अपने पुराने संगठन शक्तिदल को फिर से संगठित कर राज्य में थर्ड फोर्स के रुप में काम कर सकते हैं।  एनसीपी व जनता दल यू के साथ उनके पुराने रिश्ते हैं इसलिए अधिक संभावना है कि वे अपना अलग गठबंधन तैयार कर लें। उन्होंने साफ किया है कि भाजपा में नहीं जाएंगे तथा नई पार्टी भी नहीं बना रहे लेकिन कांग्रेस नहीं छोडेंगे ऐसा कोई वादा नहीं कर रहे हैं। चुनावी हार पर उनका कहना था कि राजनीति में ये सब चलता रहता है ।

मीडिया पर भी बरसे

वाघेला ने उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें व सीएम पद की दावेदारी की खबरों के लिए मीडिया पर तेवर तल्ख करते हुए कहा कि आप लोकतंत्र के चौथे खंभे हैं बिना प्रमाणिकता या क्रॉस वैरिफिकेशन के कैसे ऐसी खबरें चला सकते हैं। वाघेला ने कहा मीडिया में किसी का चरित्रहनन करना गलत है, जिम्मेदारी से काम करना चाहिए।

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