टीके की कमी पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, चिदंबरम ने रोज टीके का आंकड़ा देने की बताई जरूरत
कांग्रेस नेता पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली में टीकों की कमी के चलते 18 से 44 साल की उम्र के लोगों का टीकाकरण स्थगित होने के बाद तेलंगाना से भी बुरी खबर आई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना महामारी के कहर को थामने के लिए सबसे अहम माने जा रहे टीकाकरण अभियान के धीमा पड़ने पर चिंता जाहिर करते हुए कांग्रेस ने सरकार से वैक्सीन के स्टाक को लेकर रोजाना बुलेटिन जारी करने की मांग की है। पार्टी ने कहा है कि राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में वैक्सीन की भारी कमी के चलते 18 से 44 साल के युवाओं का टीकाकरण अभियान बंद हो गया है, जो देश में वैक्सीन की उपलब्धता के सरकार के दावे के विपरीत है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी वैक्सीन प्रबंधन को लेकर सरकार पर निशाना साधा है।
कांग्रेस नेता पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली में टीकों की कमी के चलते 18 से 44 साल की उम्र के लोगों का टीकाकरण स्थगित होने के बाद तेलंगाना से भी बुरी खबर आई है। सूबे के 33 में से 29 जिलों में तो कोई टीका ही नहीं लगाया गया है। टीके की कमी के कारण तेलंगाना समेत देश के कई राज्यों में वैक्सीन नहीं लग पा रही है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा टीकाकरण अभियान में पूरे राज्य के आंकड़े कई तथ्यों को छिपाते हैं। इसीलिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को देश के हर जिले के टीकाकरण की संख्या का रोजाना का आंकड़ा जारी करना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन के टीके की कमी नहीं होने के दावे पर तंज कसते हुए चिदंबरम ने कहा कि उन्हें दिल्ली और तेलंगाना के मौजूदा तथ्यों पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
राहुल गांधी ने भी वैक्सीन पर उठाए सवाल
राहुल गांधी भी वैक्सीन की कमी को लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं और रविवार को उन्होंने निशाना साधते हुए ट्वीट किया, एक तो महामारी, उस पर प्रधान अहंकारी। कोरोना महामारी से बड़ी संख्या में मृतकों के शव गंगा किनारे दफनाए जाने की घटनाओं पर भी उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लिया। राहुल ने दूसरे ट्वीट में कहा, मुझे शवों के फोटो साझा करना अच्छा नहीं लगता। देश-दुनिया फोटो देखकर दुखी है, लेकिन जिन्होंने मजबूरी में मृत प्रियजन को गंगा किनारे छोड़ दिया, उनका दर्द भी समझना होगा-गलती उनकी नहीं है। इसकी जिम्मेदारी सामूहिक नहीं, सिर्फ केंद्र सरकार की है।