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छत्तीसगढ़ में स्टार वार में कांग्रेस फ्लॉप, भाजपा ने शीर्ष नेताओं को उतारा

छत्तीसगढ़ के स्टार वार में भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंकी दी है। तमाम बड़े नेता राज्य में प्रचार कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस स्टार वार के मामले में अब तक फ्लॉप है

By Nitin AroraEdited By: Published: Fri, 12 Apr 2019 06:46 PM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2019 06:46 PM (IST)
छत्तीसगढ़ में स्टार वार में कांग्रेस फ्लॉप, भाजपा ने शीर्ष नेताओं को उतारा
छत्तीसगढ़ में स्टार वार में कांग्रेस फ्लॉप, भाजपा ने शीर्ष नेताओं को उतारा

रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्टार वार में भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंकी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और दूसरे शीर्ष नेताओं का यहां लगातार दौरा हो रहा है। वहीं, स्टार वार के मामले में कांग्रेस अब तक फ्लॉप है। बाहर के स्टार प्रचारकों की बात करें, तो अब तक केवल नवजोत सिंह सिद्धू ही आ पाए हैं। दूसरे चरण का चुनाव 18 अप्रैल और तीसरे चरण का चुनाव 23 अप्रैल को है, अभी तक दूसरे शीर्ष नेताओं के दौरा कार्यक्रम का अता-पता नहीं है।

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छत्तीसगढ़ बनने के बाद से अब तक तीन लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। तीनों चुनाव में भाजपा को 11 लोकसभा सीटों में से 10-10 और कांग्रेस को केवल एक-एक सीट ही मिलती रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा की एकतरफा जीत का प्रमुख कारण प्रदेश की सत्ता में 15 साल भाजपा का काबिज रहना है।

इस आधार पर देखें, तो अब प्रदेश में परिस्थिति बदल चुकी है। अब कांग्रेस न केवल सत्ता में है, बल्कि 90 में से 68 विधानसभा सीटें उसके कब्जे वाली हैं। भाजपा के पास महज 15 विधानसभा सीटें हैं। विधानसभा चुनाव के नतीजे ने जहां भाजपा संगठन की चिंता बढ़ा दी है, वहीं कांग्रेस हाईकमान अतिउत्साहित नजर आ रहा है। स्टार वार से तो यही लग रहा है।

भाजपा विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार को लोकसभा चुनाव में एकतरफा जीत में बदलकर इतिहास को बनाए रखना चाहती है। इस कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जैसे शीर्ष नेताओं की यहां सभा कराई जा चुकी है।

दूसरे चरण के चुनाव से पहले 16 अप्रैल को पीएम मोदी का कोरबा दौरा होने वाला है। ऐसे ही तीसरे चरण के चुनाव से पहले शाह की एक या दो और सभा हो सकती है। इसके अलावा पार्टी के कुछ और शीर्ष नेताओं के भी आने की संभावना है। इधर, कांग्रेस की चुनावी सभाएं बड़े नेताओं को तरस रही हैं। कांग्रेस हाईकमान ने पहले भेजा भी तो ऐसे नेता को, जिनका नाम स्टार प्रचारकों की सूची में ही नहीं था। नवजोत सिंह सिद्धू गुरुवार को चार चुनाव सभा करने आए थे, लेकिन एक ही सभा में जा पाए। दूसरी सभा को मोबाइल से सम्बोधित किया। इनके बाद अगला बड़ा स्टार प्रचारक कौन आने वाला है, इस पर सस्पेंस बना हुआ है।

स्टार प्रचारकों का रहता है प्रभाव

विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी ने दर्जनभर सभाएं और रोड शो किए थे। बलौदाबाजार और जांजगीर को छोड़कर बाकी सीटों पर कांग्रेस जीती। ऐसे ही सिद्धू ने जिन 16 विधानसभा क्षेत्रों में सभाएं की थीं, वहां भी कांग्रेस ही जीती। अभिनेता व उत्तरप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर ने 19 विधानसभा क्षेत्रों सभा की थी, तो तीन सीटों को छोड़, बाकी में कांग्रेस जीती। स्टार प्रचारकों के कारण सभा में भीड़ भी जुटती है, जो किसी भी पार्टी का लक्ष्य होता है।

कतरा भी रहे हैं प्रत्याशी और समर्थक

संगठन चाहता है कि स्टार प्रचारक दौरे पर जाएं, लेकिन ज्यादातर प्रत्याशी और उनके समर्थक स्टार प्रचारकों से दूर रहना चाहते हैं। इसका कारण यह है कि एक तो स्टार प्रचारक की सभा का खर्च उनके खाते में जुड़ जाता है। दूसरा कारण यह है कि स्टार प्रचारक की सभा या रोड शो के लिए चुनाव आयोग, जिला प्रशासन और पुलिस से अनुमति लेनी होती है। जगह, पंडाल, साउंड सिस्टम की व्यवस्था करनी पड़ती है। प्रत्याशियों के कुछ समर्थक तो इसी में लग जाते हैं।


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