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चीन से तनातनी के मुद्दे पर राज्‍यसभा में कांग्रेस का बदला रुख, राजनाथ सिंह ने की सराहना

कांग्रेस नेताओं ने कुछ सवाल जरूर पूछे लेकिन सेना और सरकार के साथ एकजुटता के साथ खड़े होने का संदेश दिया। लोकसभा से परे सदन से वॉकआउट भी नहीं किया।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 09:50 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 07:36 AM (IST)
चीन से तनातनी के मुद्दे पर राज्‍यसभा में कांग्रेस का बदला रुख, राजनाथ सिंह ने की सराहना
चीन से तनातनी के मुद्दे पर राज्‍यसभा में कांग्रेस का बदला रुख, राजनाथ सिंह ने की सराहना

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर जारी सैन्य तनातनी के बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को अब तक का सबसे सख्त संदेश देते हुए साफ कर दिया कि दुनिया की कोई ताकत भारतीय सैनिकों को लद्दाख के इलाकों में पेट्रोलिंग करने से नहीं रोक सकती। एलएसी पर पूर्व की यथास्थिति बहाल किए जाने को लेकर भारत के रुख को भी रक्षामंत्री ने बेबाकी से जाहिर किया। चीन के बड़ी संख्या में एलएसी व उसके आस-पास के इलाकों में सैनिक टुकडि़यां और गोलाबारूद तैनात किए जाने की बात कहते हुए रक्षामंत्री ने इसके जवाब में भारतीय सैनिकों की पर्याप्त जवाबी तैनाती की गई है। वहीं संसद में भी विपक्षी रुख में बदलाव दिखा।

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कांग्रेस नेताओं ने कुछ सवाल जरूर पूछे, लेकिन सेना और सरकार के साथ एकजुटता के साथ खड़े होने का संदेश दिया। लोकसभा से परे सदन से वॉकआउट भी नहीं किया, जबकि दूसरे सभी विपक्षी दलों ने कोई सवाल तक नहीं पूछा। भाजपा सरकार की प्रखर विरोधी तृणमूल कांग्रेस ने भी केवल जय हिंद के नारा ही लगाया। गुरुवार को राज्यसभा में रक्षामंत्री के बयान के साथ ही मौजूदा सत्र में चीन से एलएसी पर जारी तनातनी को लेकर संसद में बहस का अध्याय भी बंद हो गया।

राजनाथ ने कहा कि गलवन घाटी के बाद सीमा के गतिरोध का हल करने के लिए सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत चल रही थी, उसी बीच चीनी सैनिकों ने 29-30 अगस्त की रात को भड़काने वाली कार्रवाई की। चीनी सेना पैंगोंग लेक के दक्षिणी किनारे की यथास्थिति बदलना चाहती थी, जिसे हमारे सैनिकों ने नाकाम किया। रक्षामंत्री ने कहा कि इस तरह की हरकतें चीन की कथनी और करनी में अंतर का प्रमाण है।

पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी के भारतीय सैनिकों को पेट्रोलिंग से रोकने के बारे में पूछे गए स्पष्टीकरण का जवाब देते हुए राजनाथ सिंह ने चीन को भारत का बेबाक संदेश दिया। रक्षामंत्री ने कहा ' पेट्रोलिंग पैटर्न परंपरागत है और पूरी तरह स्पष्ट है। भारत की सेना के जवानों को पेट्रोलिंग करने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती। हमारे जवानों ने यदि बलिदान दिया है, तो इसीलिए दिया है। चाहकर भी मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं बोल सकता।' एलएसी पर 20 अप्रैल से पहले की पूर्व स्थिति कायम करने से जुड़े कांग्रेस नेता आंनद शर्मा के स्पष्टीकरण पर रक्षामंत्री ने कहा कि सामान्य स्थिति की बहाली के साथ सीमा से जुड़े सभी समझौतों और प्रोटोकॉल का पालन दोनों पक्षों की ओर से किए जाने को सीमा पर शांति और स्थायित्व के लिए जरूरी मानता है।

रक्षामंत्री ने एलएसी के हालात पर उनके बयान के बाद तमाम दलों के नेताओं की ओर से सेना और सरकार को हर तरीके से समर्थन देने के रुख की सराहना की। उन्होंने कहा कि सेना के प्रति सदन ने जो एकजुटता दिखाई है उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है। देश के लिए सारे भेदभाव से ऊपर उठकर पहले भी हमने जंग लड़ी है। आज सदन ने अपनी भावना जाहिर कर सारे देश को आश्वस्त कर दिया कि चाहे चुनौती कितनी भी बड़ी क्यों न हो समस्त देशवासी एकजुट होकर उसका मुकाबला करने का हौसला कर सकते हैं।

चीनी रक्षामंत्री से मास्को में हुई अपनी बातचीत का उल्लेख करते हुए राजनाथ ने कहा कि हम हर मुद्दे को शांतिपूर्ण ढंग से हल करना चाहते हैं। लेकिन यह भी स्पष्ट कर दिया कि भारत की रक्षा के लिए हम हर चुनौती का जवाब देने को पूरी तरह तैयार भी हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर की 10 सितंबर को चीनी विदेश मंत्री से हुई बातचीत में भी भारत ने स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच आपसी समझौते और प्रोटोकाल का पालन किया जाता है तो सीमा पर स्थाई शांति स्थापित की जा सकती है।


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