गुजरात चुनाव में संगठन दुरुस्त करने को कांग्रेस ने बनाए चार कार्यकारी अध्यक्ष
विधानसभा चुनाव में सामाजिक और सियासी समीकरण साधने की रणनीति के मद्देनजर इन कार्यकारी अध्यक्षों को गुजरात के चार अलग-अलग क्षेत्रों की कमान सौंपी जाएगी।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। गुजरात में 20 साल से राजनीतिक 'वनवास' का सामना कर रही कांग्रेस ने आखिरकार अगले विधानसभा चुनाव में हालात बदलने की मशक्कत तेज कर दी है। इस क्रम में पार्टी हाईकमान ने प्रदेश संगठन में चार कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति का ऐलान कर दिया।
विधानसभा चुनाव में सामाजिक और सियासी समीकरण साधने की रणनीति के मद्देनजर इन कार्यकारी अध्यक्षों को गुजरात के चार अलग-अलग क्षेत्रों की कमान सौंपी जाएगी। चुनावी रणनीति को जमीन पर उतारने के लिए प्रदेश चुनाव समिति का गठन भी कर दिया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल को भी चुनाव समिति में शामिल किया गया है।
गुजरात चुनाव की रणनीति को सिरे चढ़ाने में जुटे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश संगठन के लिए चार कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति पर मुहर लगाई। पार्टी महासचिव जर्नादन द्विवेदी ने तुषार चौधरी, परेश धनानी, कुंवरजी बावलिया और करसन दास सोनाली को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए जाने का एलान किया। पार्टी की रणनीति इन चारों को सूबे के चार क्षेत्रों उत्तर गुजरात, दक्षिण गुजरात, मध्य गुजरात और सौराष्ट्र-कच्छ के इलाकों में पार्टी की चुनावी तैयारी को मजबूती देने के लिए लगाया जाएगा।
गुजरात में चुनावी संभावनाओं को जमीन पर उतारने के लिहाज से कांग्रेस की संगठनात्मक तैयारी भाजपा के मुकाबले कमजोर है। खासकर गुजरात के शहरी इलाकों में पार्टी का सियासी असर उसकी चिंता का कारण है। इसी मकसद से संगठनात्मक ढांचे को हाईकमान इस बार चुस्त-दुरूस्त करने की कसरत में जुटा है। इन चार कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति से एक दिन पूर्व इसी क्रम में प्रदेश संगठन में 10 वरिष्ठ उपाध्यक्ष और दर्जन भर से ज्यादा महासचिवों के साथ पांच दर्जन सचिव नियुक्त किए गए।
गुजरात में शंकर सिंह वाघेला के पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस के लिए सूबे के नेतृत्व को लेकर अब कोई दुविधा नहीं है। इसीलिए प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी की अध्यक्षता में प्रदेश चुनाव समिति का शुक्रवार को गठन किया गया। इसमें अर्जुन मोडवाडिया, शक्ति सिंह गोहिल, सिद्धार्थ पटेल से लेकर प्रदेश के अधिकांश बड़े चेहरों को शामिल किया गया है। राज्यसभा चुनाव में जीत के बाद गुजरात कांग्रेस की उम्मीद के नए नायक अहमद पटेल की चुनाव समिति में मौजूदगी विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी नेतृत्व की इस बार सब कुछ झोंकने के इरादों का संकेत है। राज्यसभा चुनाव में विकट हालातों में मिली जीत के बाद अहमद पटेल के सियासी तेवर भी काफी बदल गए हैं और वे गुजरात चुनाव की रणनीति को जमीन पर उतारने में सीधी भूमिका निभा रहे हैं।
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