शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी ईवीएम पर उठाए सवाल, बैलेट पेपर से चुनाव कराने को बताया सही
कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल की जगह बैलेट पेपर का इस्तेमाल करने को सही बताया है।
नई दिल्ली (एएनआई)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पुत्री शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी कांग्रेस के अन्य नेताओं के सुर में सुर मिलाते हुए चुनाव में बैलेट पेपर के इस्तेमाल को सही ठहराया है। उन्होंने भी अन्य नेताओं की तर्ज पर चुनाव में ईवीएम की जगह बैलेट पेपर के इस्तेमाल की मांग की है। उनका कहना है कि भारत से तकनीक में कहीं आगे निकले देश भी ईवीएम का इस्तेमाल नहीं करते हैं। वहां पर बैलेट पेपर से ही वोटिंग की जाती है। उनका कहना है कि फ्रांस समेत इंग्लैंड में ईवीएम का कभी इस्तेमाल नहीं किया गया है। वहीं जर्मनी और नीदरलैंड में ईवीएम के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। इटली ने प्रयोग के तौर पर ईवीएम का इस्तेमाल जरूर किया था लेकिन बाद में इसका चुनाव में इस्तेमाल बंद कर दिया गया था।
शर्मिष्ठा मुखर्जी का कहना था कि जो लोग ईवीएम की जगह बैलेट पेपर के इस्तेमाल की मांग कर रहे हैं वह गलत नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब से यह मामला उठा है तब से कई नेता और पार्टियों की तरफ से इस तरह की मांग की जा रही है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए मुखर्जी ने कहा कि सभी लोगों को अपनी पसंद का नेता चुनने का अधिकार है। लेकिन इसके लिए बैलेट पेपर के इस्तेमाल से किसी को कोई हानि नहीं पहुुंचने वाली है। इससे पहले कांग्रेस के एक अन्य नेता केसी मित्तल ने ने भी ईवीएम के इस्तेमाल को लेकर कई सवाल खड़े किए थे। उनका कहना था कि मध्य प्रदेश में इसका डमोंस्ट्रेशन किया गया था कि ईवीएम से भी छेड़छाड़ की जा सकती है, जिसका परिणाम पर सीधा असर पड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति किसी अमूक पार्टी को वोट करता है और उसका वोट किसी दूसरी पार्टी को जाता है तो इसकी जांच कराई जानी जरूरी हो जाती है। चुनाव आयोग को इसकी जांच करवाई जानी चाहिए। शनिवार को इस विषय को लेकर कांग्रेस के कुछ नेता भी चुनाव आयोग के चीफ इलेक्शन कमिश्नर नसीम जैदी से मिले थे। इस दौरान इन नेताओं ने पिछले चुनाव में हुई धांधली की बात कहते हुए इसकी जांच कराने की मांग की थी। इन नेताओं की मांग थी कि जो कोई भी इस धांधली में शामिल है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। आयोग के प्रमुख से मिलने वाले कांग्रेसी नेताओं में दिग्विजय सिंह, ज्योर्तिआदित्य सिंधिया, मोहन प्रकाश, केसी मित्तल और विवेक तन्खा शामिल थे। इन सभी की मांग थी कि चुनाव में ईवीएम के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाना चाहिए और बैलेट पेपर से चुनाव करवाना चाहिए।
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