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पीएम आवास योजनाः चाबी लेकर पहुंचे तो खुदी छत, हिलते गेट, सूखे नल और गुल मिली बिजली

जैसे ही ताला खोला तो पाया कि चौखट सहित पूरा गेट हिल रहा है। सारे नल सूखे थे। घर की छत को खुदा हुआ पाया।

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 10:13 PM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 10:13 PM (IST)
पीएम आवास योजनाः चाबी लेकर पहुंचे तो खुदी छत, हिलते गेट, सूखे नल और गुल मिली बिजली
पीएम आवास योजनाः चाबी लेकर पहुंचे तो खुदी छत, हिलते गेट, सूखे नल और गुल मिली बिजली

मुरैना, जेएनएन। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत मुरैना नगर निगम क्षेत्र के अतरसूमा में बने आवासों ने लाभार्थियों को निराश किया है। गृहप्रवेश के पहले हितग्राही जब मकान देखने पहुंचे तो यहां घर के दरवाजे चौखट सहित हिल रहे थे। पानी की पाइप लाइन में सप्लाई का इंतजाम नहीं था। बिजली की लाइनों में करंट नहीं था और छत खुदी हुई पड़ी थी। 12 सितंबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने धूमधाम से हितग्राहियों को उनके मकानों की चाबी सौंपी थी। अतरसूमा में 1476 मकान बनाए जा रहे हैं। 240 मकान बनकर तैयार हो चुके हैं।

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ऑयल मिल में काम करने वाले भरत प्रसाद सोमवार को पत्नी और बेटे के साथ ब्लॉक ई-28 के अपने मकान नंबर 305 को देखने पहुंचे। उन्होंने जैसे ही ताला खोला तो पाया कि चौखट सहित पूरा गेट हिल रहा है। सारे नल सूखे थे। घर की छत को खुदा हुआ पाया। पानी की टंकियों के ढक्कन गायब थे। भरत प्रसाद ने यह कहकर संतोष कर लिया कि इतने रुपये में मिलता ही क्या है। दरअसल, इस योजना में मकान की कीमत छह लाख रुपये होती है। चार लाख रुपये की सब्सिडी सरकार देती है। दो लाख रुपये हितग्राही को देना होता है। इसके लिए हितग्राही को बैंक से ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। वह उसे किस्तों में भर सकता है। निर्माण नगर निगम द्वारा तय एजेंसी या ठेकेदार करता है।

बिजली नहीं, इसलिए लाइन में पानी नहीं

दूसरे हितग्राही रमेश कुमार ने पता किया कॉलोनी में जो बोरिंग है, उसका पानी पाइप लाइनों में नहीं जाता। पानी के लिए बिजली चाहिए और यहां सिर्फ अस्थायी लाइन है।

बिजली भी गुल, सब स्टेशन नहीं हुआ तैयार

टाउनशिप में करीब डेढ़ हजार घर हैं। यहां एक सब स्टेशन प्रस्तावित था, लेकिन अब तक नहीं बना है। निर्माण कंपनी ने अस्थायी कनेक्शन लिया है। घरों को कनेक्शन नहीं मिले हैं।

...यहां बसने में तो सालभर लग जाएगा

हितग्राही ममता तिवारी नवरात्र में यहां आना चाहती थीं, लेकिन बिजली, पानी और आवागमन की सुविधा न होने से फिलहाल किराए के मकान में ही रहेंगी। उनका कहना है कि इस बस्ती को बसने में सालभर तो लग ही जाएगा।

मुरैना के नगर निगम आयुक्त अमरसत्य गुप्ता से जब इन घरों के हालात के बारे में पूछा गया, तो उन्‍होंने कहा कि पानी की लाइप लाइन बिछी है। लोग वहां पहुंच जाएंगे, तो पंप चालू करने का शेड्यूल बन जाएगा। बिजली के कनेक्शन के लिए हितग्राही खुद आवेदन करेंगे। फिलहाल अस्थायी कनेक्शन है।

वहीं, बिजली कंपनी के उप महाप्रबंधक (मुरैना) पीएस तोमर का कहना है कि सब स्टेशन के लिए निर्माण कंपनी ने कनेक्शन नहीं लिया है। सब स्टेशन अधूरा है। वहां सभी मकानों के बनने तक निर्माण कंपनी ने एक अस्थायी कनेक्शन ले लिया है। हम हितग्राही को इसी लाइन से तब तक कनेक्शन दे देंगे।


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