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Bengaluru Violence: जांच कमेटी की रिपोर्ट में हुआ खुलासा, जानबूझकर साजिश के तहत किया गया सांप्रदायिक दंगा

Bengaluru Violence रिपोर्ट में कहा गया कि उसके अनुमान के मुताबिक हिंसा के दौरान 36 सरकारी वाहनों करीब 300 निजी वाहनों और कई मकानों में तोड़फोड़ की गई।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 09:36 PM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 09:39 PM (IST)
Bengaluru Violence: जांच कमेटी की रिपोर्ट में हुआ खुलासा, जानबूझकर साजिश के तहत किया गया सांप्रदायिक दंगा
Bengaluru Violence: जांच कमेटी की रिपोर्ट में हुआ खुलासा, जानबूझकर साजिश के तहत किया गया सांप्रदायिक दंगा

बेंगलुरु, प्रेट्र। 'सिटिजंस फॉर डेमोक्रेसी' ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को सौंपी गई अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि बेंगलुरु में हालिया हिंसा जानबूझकर साजिश के तहत किया गया सांप्रदायिक दंगा है। संगठन की जांच रिपोर्ट में बताया गया कि 11 अगस्त की रात दंगों के दौरान खासकर इलाके में कुछ प्रमुख हिंदुओं को निशाना बनाया गया तथा समूची घटना 'राज्य के खिलाफ दंगे' की तरह थी, जिसका मकसद राज्य के प्रति आम लोगों के भरोसे को घटाना था। 'सिटिजंस फॉर डेमोक्रेसी' जिम्मेदार नागरिकों का एक मंच है जिसका दावा है कि वह देश के नागरिकों के लोकतांत्रिक मूल्यों और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

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इस संगठन ने एक बयान में कहा कि हालिया हिंसा पर गौर करने के लिए समाज के अग्रणी प्रतिनिधियों की एक जांच समिति बनायी गई। इसका उद्देश्य बिना किसी भेदभाव या राजनीतिक हित के तटस्थ होकर घटना की पड़ताल करना था। सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश श्रीकांत डी.बाबालाडी की अध्यक्षता वाली जांच समिति में सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी मदन गोपाल, सेवानिवृत्त आइएफएस अधिकारी आर राजू समेत सेवानिवृत्त नौकरशाह, पत्रकार, वकील, प्रोफेसर और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे। मदन गोपाल के नेतृत्व में कमेटी के सदस्यों ने शुक्रवार को येदियुरप्पा को रिपोर्ट सौंपी।

दंगों में 10 से 15 करोड़ रूपये का हुआ नुकसान

रिपोर्ट में कहा गया कि उसके अनुमान के मुताबिक हिंसा के दौरान 36 सरकारी वाहनों, करीब 300 निजी वाहनों और कई मकानों में तोड़फोड़ की गई। 10 से 15 करोड़ रुपये नुकसान का अनुमान है। कमेटी ने कहा कि प्राथमिकी और पीडि़तों के बयानों के आधार पर पाया गया कि स्थानीय लोग भी हिंसा में शामिल थे। स्थानीय लोग ना केवल घटना में शामिल थे बल्कि पहले से उन्हें इस बारे में पता भी था। कमेटी ने कहा, 'इसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के तौर पर पेश करने का प्रयास किया गया लेकिन यह निस्संदेह सांप्रदायिक रूप से प्रेरित हिंसा थी।'

एसडीपीआइ और पीएफआइ की थी संलिप्तता

रिपोर्ट में कहा गया, 'जिन लोगों और घरों को निशाना बनाया गया, उस आधार पर कमेटी की राय है कि दंगा का मकसद दहशत कायम करना था ताकि जनसांख्यिकी में बदलाव हो और इसे मुस्लिम बहुल क्षेत्र बना दिया जाए।' कमेटी ने कहा कि यह भी देखा जा सकता है कि इस घटना की साजिश रचने और उसे अंजाम देने में कथित तौर पर एसडीपीआइ और पीएफआइ की संलिप्तता थी। पुलकेशीनगर के कांग्रेस विधायक आर अखंड श्रीनिवास मूíत के एक रिश्तेदार पी. नवीन के सोशल मीडिया पर कथित भड़काऊ पोस्ट के बाद डीजे हल्ली और आसपास के इलाके में 11 अगस्त की रात हिंसा भड़क गई थी। दंगाइयों ने विधायक के घर और डीजे हल्ली में एक पुलिस थाने में आग लगा दी थी। घटना के दौरान पुलिस वाहनों तथा निजी गाड़ियों में भी आग लगा दी गई थी। हिंसा के मामले में अब तक 300 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा जा चुका है।


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