सुप्रीम कोर्ट ने कहा- निकायों द्वारा आयोजित परीक्षा में सुधार के लिए समिति गठित होगी
पीठ ने याची के वकील प्रशांत भूषण से समिति के लिए नीलेकणी और भटकर के अलावा नाम सुझाने के लिए कहा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी निकायों द्वारा ली जाने वाली प्रतियोगिता परीक्षाओं में सुधार का सुझाव देने के लिए तीन सदस्यीय उच्चाधिकार समिति गठित करने का पक्ष लिया है। इस समिति में इन्फोसिस के सह संस्थापक नंदन नीलेकणी और मशहूर कंप्यूटर वैज्ञानिक विजय पी. भटकर शामिल होंगे।
शीर्ष कोर्ट ने कहा कि वह कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की संयुक्त स्नातक स्तर (सीजीएल) और संयुक्त उच्चतर माध्यमिक स्तर (सीएचएसएल) परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने पर लगी रोक नहीं हटाएगा। 2017 में ली गई इन परीक्षाओं में लाखों छात्रों ने भाग लिया था।
जस्टिस एसए बोब्डे और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 17 जनवरी तय कर दी। पीठ ने याची के वकील प्रशांत भूषण से समिति के लिए नीलेकणी और भटकर के अलावा नाम सुझाने के लिए कहा।
पीठ ने कहा कि तीन सदस्यीय उच्चाधिकार समिति एसएससी जैसी उन सरकारी निकायों को सुधार का उपाय सुझाएगी जो प्रतियोगिता परीक्षाएं आयोजित करती हैं। कारण यह है कि प्रश्नपत्र लीक के कई मामले हुए हैं। भूषण ने कहा कि वह अगले सप्ताह नाम प्रस्तावित करेंगे।
कोर्ट ने केंद्र के वकील से परीक्षा निरस्त करने के बारे में निर्देश लेने के लिए कहा। कोर्ट ने कहा कि प्रश्नपत्र लीक के लाभार्थियों की पहचान करना मुश्किल है।