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भ्रष्टाचार मामले में पी विजयन को बरी करने के खिलाफ अपील पर, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ठोस आधार दे सीबीआइ

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ से कहा है कि वह एसएनसी लवलीन भ्रष्टाचार मामले में केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन और दो अन्य को आरोप मुक्त करने के फैसले के खिलाफ बहुत ही ठोस आधार के साथ आए। सीबीआइ ने कहा है कि वह मामले में विस्तृत नोट दाखिल करेगी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2020 06:04 AM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2020 06:04 AM (IST)
भ्रष्टाचार मामले में पी विजयन को बरी करने के खिलाफ अपील पर, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ठोस आधार दे सीबीआइ
सीबीआइ ने कहा है कि वह एसएनसी लवलीन भ्रष्टाचार मामले में विस्तृत नोट दाखिल करेगी।

नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) से कहा कि वह एसएनसी लवलीन भ्रष्टाचार मामले में केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन और दो अन्य को आरोप मुक्त करने के फैसले के खिलाफ बहुत ही ठोस आधार के साथ आए क्योंकि हाई कोर्ट और निचली अदालत ने कहा है कि इस मामले में उन पर मुकदमा नहीं चलना चाहिए। सीबीआइ ने कहा है कि वह इस मामले के वास्तविक पहलुओं की जानकारी देते हुए एक विस्तृत नोट दाखिल करेगी।

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ठोस आधार के साथ आना होगा

जस्टिस यूयू ललित, विनीत सरन और एस रवींद्र भट की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सीबीआइ की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील रखी। पीठ ने कहा, 'दो अदालतों ने कहा है कि इस मामले में चुनिंदा आरोपितों पर मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए। इसलिए आपको इस निष्कर्ष के खिलाफ बहुत ही ठोस आधार के साथ आना होगा।'

छह को आरोप मुक्त किया

मेहता ने बताया कि शुरू में केरल हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर हुई थी, जिस पर इस मामले की सीबीआइ जांच का आदेश दिया गया था। सीबीआइ ने 2009 में इस मामले में आरोप पत्र दाखिल किया, लेकिन कुछ आरोपितों को 2013 में निचली अदालत ने आरोप मुक्त कर दिया। सीबीआइ के आरोप पत्र में 11 आरोपितों का नाम था। निचली अदालत ने इनमें से छह को आरोप मुक्त किया।

हाईकोर्ट ने कहा था मामला नहीं बनता

2017 में हाई कोर्ट ने तीन को आरोप मुक्त करने का फैसला बरकरार रखा। इनमें मुख्यमंत्री पी विजयन भी शामिल हैं। हाई कोर्ट ने कहा था कि सीबीआइ ने उनका नाम गलत तरीके से शामिल किया है, क्योंकि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता। मेहता ने कहा कि मामला बहुत पुराना है, इसलिए वह घटनाओं के समय व तथ्यों पर विस्तृत नोट दाखिल करेंगे।

यह है मामला

सीबीआइ का आरोप है कि 1996 में केरल का ऊर्जा मंत्री रहते हुए पी विजयन ने कनाडाई फर्म एसएनसी लवलीन को ठेका देने में गलत तरीका अपनाया था। इस भ्रष्टाचार से सरकार को 374.50 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। अब सुप्रीम कोर्ट ने अपील पर सीबीआइ को विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने की अनुमति देते हुए अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को तय की है। 


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