Move to Jagran APP

ठंड का कोहराम : पहाड़ों पर खून जमा देने वाली सर्दी, मैदानों में जबरदस्त शीतलहर

हिमाचल के केलंग में माइनस 17 और जम्मू-कश्मीर के द्रास में माइनस 28.7 डिग्री सेल्सियस तापमान। बर्फबारी के बाद उत्तराखंड में 16 सड़कें बंद और 232 गांवों में बिजली गुल।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 27 Jan 2019 08:18 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jan 2019 08:18 PM (IST)
ठंड का कोहराम : पहाड़ों पर खून जमा देने वाली सर्दी, मैदानों में जबरदस्त शीतलहर
ठंड का कोहराम : पहाड़ों पर खून जमा देने वाली सर्दी, मैदानों में जबरदस्त शीतलहर

नई दिल्ली, जेएनएन। पहाड़ों पर हो रही जबर्दस्त बर्फबारी से खून जमा देने वाली सर्दी पड़ रही है। हिमाचली क्षेत्रों में बर्फबारी के चलते दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में भी शीतलहर चल रही है। रविवार को दिल्ली का न्यूनतम ताममान चार डिग्री दर्ज किया गया। हिमाचल के केलंग में न्यूनतम तापमान माइनस 17, जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र का द्रास में न्यूनतम तापमान माइनस 28.7 तक पहुंच गया। कुछ दिनों पहले हुई बर्फबारी और बारिश से उत्तराखंड के चार धाम में जनजीवन अभी तक अस्तव्यस्त है।

loksabha election banner

रविवार को बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के अलावा पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में हिमपात हुआ। अब भी पौड़ी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में 16 सड़कें बंद हैं और 95 गांव अलग-थलग पड़ गए हैं। 232 गांवों में बिजली गुल है। उत्तरकाशी जिले में पाइप लाइन में पानी तक जम चुका है। ऐसे में ग्रामीण बर्फ पिघलाकर प्यास बुझा रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर 

जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में रविवार को द्रास राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा। वहां न्यूनतम तापमान शून्य से 28.7 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान भी शून्य से नीचे (माइनस 10.1) रहा।

 बर्फ में फंसे साधु को जोशीमठ पहुंचाया 

बर्फबारी के चलते चमोली जिले में भविष्य बदरी मंदिर में तप कर रहे एक साधु की जान पर बन आई। रेस्क्यू टीम 25 किलोमीटर बर्फीली राह नापकर साधु को सकुशल जोशीमठ लेकर आई। साधु का स्वास्थ्य सामान्य बताया जा रहा है। लगातार हो रही बर्फबारी से भविष्य बदरी मंदिर के आसपास तीन फीट से अधिक बर्फ जमा हो गई है। सुभाई गांव स्थित भविष्य बदरी मंदिर में तीन महीने से तपस्यारत गुजरात मूल का एक साधु योगी पार्थवानंद बर्फबारी के चलते यहां फंस गए। साधु के पास मोबाइल था और मंदिर क्षेत्र में संचार नेटवर्क काम कर रहा था। साधु ने गुजरात में अपने एक परिचित को मोबाइल के जरिये खुद के भविष्य बदरी मंदिर में फंसे होने की सूचना दी।

गंगोत्री हाईवे पर पांच साल बाद बना हिमखंड 

कारण इस बार पांच साल बाद गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के पास चांगथांग नामक स्थान पर हिमखंड बनने लगा है। यदि फरवरी और मार्च में भी मौसम का मिजाज कुछ ऐसा ही रहा तो यह हिमखंड और विशाल हो जाएगा। उत्तरकाशी से आगे गंगोत्री हाईवे कई जगह बर्फ से पट चुका है।

हर्षिल से पांच किलोमीटर दूर चांगथांग नामक स्थान पर अक्सर एक विशाल हिमखंड आकार लेता है, लेकिन बीते वर्षो में कम बर्फबारी के कारण हिमखंड आकार नहीं ले पा रहा था। हर्षिल की ग्राम प्रधान और पर्यावरणविद् बसंती देवी ने बताया कि इस बार हिमखंड आकार ले चुका है। उन्होंने बताया कि आमतौर पर यह हिमखंड करीब एक किलोमीटर लंबा और 100 मीटर चौड़ा और करीब 25 फीट ऊंचा होता है। 2014 में आखिरी बार यहां हिमखंड बना था।

छह दिन बाद भी केदारनाथ में बिजली बहाल नहीं

केदरानाथ धाम में छह से सात फीट बर्फ जमा हो चुकी है। छह दिन बाद भी यहां बिजली बहाल नहीं हो पाई है। गौरीकुंड व केदारनाथ के बीच कई जगह क्षतिग्रस्त बिजली लाइन की मरम्मत का कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है। समूचा उत्तराखंड शीतलहर की चपेट में है। जोशीमठ, मुक्तेश्वर और नई टिहरी में पारा शून्य से नीचे पहुंच गया है, जबकि मसूरी में तापमान शून्य पर है। पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा में भी तापमान शून्य के करीब है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.