जल्द छोड़ दें कोल्ड ड्रिंक पीना, हो सकती है ये खतरनाक बीमारियां
गैस वाली ड्रिंक्स के सेवन से डायबिटिज, ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी और स्ट्रोक का खतरा अधिक रहता है।
बिलासपुर (नईदुनिया)। गैस वाली ड्रिंक्स की लत बच्चों व युवाओं में तेजी से बढ़ रहा है। यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। युवाओं को यह शौक महंगा पड़ सकता है। बिलासपुर विश्वविद्यालय के फूड प्रोसेसिंग विभाग के विशेषज्ञ इस पर आंकड़े भी जुटा रहे हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक इससे डायबिटिज, ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी और स्ट्रोक का खतरा अधिक रहता है।
शहर में कोल्ड ड्रिंक्स का कारोबार हर साल बढ़ रहा है। बच्चों व युवाओं को सबसे अधिक शौक है, जिसकी वजह से कंपनियां करोड़ों रुपये कमाकर बीमारी उपहार में दे रही है। गर्मी के दिनों में इसकी बिक्री चार गुना बढ़ जाती है। इस खतरे से लोग अनजान है। एक स्टडी के मुताबिक गैस वाली ड्रिंक्स जैसे केन वाले ड्रिंक्स पीने से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ सकता है। यही नहीं इससे ब्लड प्रेशर के बढ़ने की संभावना भी बढ़ जाती है।
ये एनर्जी डेंस होते हैं जिसका मतलब होता है कि एक ड्रिंक से हमें जितनी कैलोरी मिलती है उसे एनर्जी डेंस कहते हैं। इन ड्रिंक्स को पीने से ज्यादा कैलोरी शरीर में पहुंच जाती है जो सीधे-सीधे वजन बढ़ाती है। यह सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करती है।
यह जानना भी है जरूरी
अक्टूबर 2016 में स्वास्थ्य मंत्रालय और ड्रग तकनीकी सलाहकार बोर्ड ने विभिन्न कोल्ड ड्रिंक्स सैंपल लिए गए थे इनमें लेड, क्रोमियम, कैडमियम और डाई पैथलेट की पुष्टि हुई थी। ड्रग टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड ने पांच कोल्ड ड्रिंक्स के सैंपल जांच के लिए भेजे थे, इन्हें कोलकाता के नेशनल टेस्ट हाउस भेजा गया था और जांच रिपोर्ट में इनमें जहरीले पदार्थ पाए गए हैं। इसके बाद भी देश में इसे बैन करने के लिए आवाज नहीं उठती क्यों।
केस-1: ठंड में 25, गर्मी में 200 ग्लास
हेमू नगर चौक में कोल्ड ड्रिंक्स पार्लर चलाने वाले भूपेंद्र यादव का कहना है कि कोल्ड ड्रिंक्स के अलावा उनके यहां दूध दही भी हैं। युवक व युवतियां अधिक आते हैं। ड्रिंक्स की बिक्री बरसात व ठंडी में 25 से 30 ग्लास है। जबकि गर्मी में यह दो सौ से अधिक हो जाती है। शहर में ऐसे दो एक हजार से अधिक दुकान हैं।
केस-2: खाने के बाद रोज कोल्ड ड्रिंक्स
सरकंडा निवासी युवक राजेश मिश्रा का कहना है कि खाने के बाद कोल्ड ड्रिंक्स पीने की आदत है। रोजाना एक कोल्ड ड्रिंक्स जरूरी है। इसलिए घर की फ्रीज में भी हमेशा रखता हूं। यही हाल अधिकांश घरों में है। मेहमानों के आने पर भी तत्काल पीने के लिए यही दिया जाता है।
केस-3 : स्कूल-कॉलेज में खूब बिक्री
स्कूल व कॉलेज की कैंटीन में गैस वाले कोल्ड ड्रिंक्स की बिक्री आम बात है। गुरु घासीदास केंद्रीय विवि समेत सीएमडी, बिलासा कन्या, एसबीआर व स्कूलों में भी इसकी खूब बिक्री है। सुपोषण आहार पर जागरूक तो खूब किया जाता है। लेकिन इसे रोकने कोई कदम नहीं उठाता। यही वजह है कि बच्चे मोटे हो रहे हैं।
'शरीर को पर्याप्त मिनरल्स और विटामिन की जरूरत होती है। गैस वाले ड्रिंक्स नुकसान दायक है। बच्चों व युवाओं को इससे दूर रहना चाहिए। प्रारंभिक रिपोर्ट में यह पता चला है कि इसके सेवन से डायबिटिज, ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी और स्ट्रोक का खतरा अधिक रहता है। इससे बचना चाहिए।'
सौमित्र तिवारी, असिस्टेंट प्रोफेसर,फूड प्रोसेसिंग विभाग, बिलासपुर विश्वविद्यालय