देश में कोयला संकट, बिजली संयंत्रों के पास बचा है कुछ ही दिनों तक का कोयला
बिजली मंत्री आर के सिंह ने स्वीकार किया है कि देश के बिजली क्षेत्र में कोयले की दिक्कत है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले चार वर्षो में देश के बिजली क्षेत्र में कई सुधार किये जाने के बावजूद बिजली संयंत्रों को कोयले आपूर्ति को लेकर स्थिति बहुत नहीं सुधर पाई है। अभी भी देश के आठ ऐसे ताप बिजली संयंत्र हैं जिनके पास चार दिनों से भी कम का कोयला बचा हुआ है जबकि सात संयंत्रों के पास सात दिनों का कोयला है। स्थिति यह है कि दिल्ली और गुजरात जैसे राज्यों ने केंद्र सरकार को कोयले की उपलब्धता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से गुहार लगाई है। दक्षिण के कुछ राज्यों ने भी कोयले की दिक्कत को लेकर चिंता जताई है।
उधर, बिजली मंत्री आर के सिंह ने स्वीकार किया है कि देश के बिजली क्षेत्र में कोयले की दिक्कत है। उन्होंने बेहद साफगोई से कहा है कि बिजली संयंत्रों के पास कोयले की दिक्कत अभी 2-3 वर्षो तक बरकरार रहेगी। क्योंकि अभी कई कोयला खदानों से कोयला निकलना बंद है। राज्यों को चाहिए कि वह अपने बिजली संयंत्रों की स्थिति को देखते हुए कोयला आयात की नीति बनाये। इस बारे में बिजली मंत्री की तरफ से राज्यों के बिजली मंत्रियों को पत्र भी लिखा गया है।
हालांकि जो आंकड़े सामने आ रहे हैं उससे लगता नहीं है कि राज्य कोयला आयात को लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित है। चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों (अप्रैल-मई) में कोयला आयात 36.47 मैट्रिक टन का रहा है जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 2.6 फीसद कम है। यह स्थिति तब है जब सरकार लगातार राज्यों को बता रही है कि आने वाले दिनों में बिजली की मांग बढ़ने वाली है।
बिजली क्षेत्र के जानकारों के मुताबिक साफ तौर पर लगता है कि जिस हिसाब से बिजली की मांग बढ़ी है उस हिसाब से कोयला का उत्पादन नहीं हो सका है। कोल इंडिया के आंकड़े बताते हैं किअप्रैल से जून के महीनों में उसने कोयला उत्पादन में 15.2 फीसद बढ़ाई है। कोल इंडिया की तरफ से बिजली प्लांट को होने वाली आपूर्ति भी बढ़ी है लेकिन यह बिजली की मांग को पूरा करने के लिए काफी नहीं है।
ढुलाई के लिए रेलवे डिब्बों का नहीं मिलने से भी कोयला सही गंतव्य पर नहीं पहुंच पा रहा है। सोमवार को जब गुजरात के इनर्जी मंत्री सौरव पटेल ने जब रेल व कोयला मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की तो उन्हें रेलवे के स्तर पर आ रही दिक्कतों का भी जिक्र किया। सनद रहे कि दिल्ली के ऊर्जा मंत्री ने कुछ दिन पहले ही कोयले की दिक्कत को लेकर केंद्र को पत्र लिखा है।