भोपाल के सीएमएचओ बोले-एक हफ्ते से नहीं आई कोरोना की रिपोर्ट तो निगेटिव समझो
भोपाल में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यहां पर सैंपल देने के एक से दो हफ्ते बाद भी टेस्ट रिपोर्ट का पता ही नहीं चल रहा है।
दीपक विश्वकर्मा, भोपाल। भोपाल में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यहां पर सैंपलिंग भी तेजी से हो रही है, लेकिन सैंपल देने के एक से दो हफ्ते बाद भी टेस्ट रिपोर्ट का पता ही नहीं चल रहा है। यहां पर मोबाइल पर एसएमएस भेजकर रिपोर्ट बताने की व्यवस्था फेल हो चुकी है। वहीं, भोपाल के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी (सीएमएचओ) के इस बयान को जानकर बीमारी के प्रति उनकी गंभीरता का पता लगता है। उनका कहना है कि एक हफ्ते में कोई जानकारी न आए तो समझ लें कि रिपोर्ट निगेटिव आई है। नियमानुसार 48 से 72 घंटे में रिपोर्ट की जानकारी मिल जाना चाहिए। भोपाल के सात से आठ हजार लोगों को टेस्ट रिपोर्ट की जानकारी नहीं भेजी गई है।
दो हफ्ते में भी नहीं मिल रही कोरोना वायरस की रिपोर्ट
रोजाना सैकड़ों लोग एक से दो हफ्ते बाद भी रिपोर्ट नहीं मिलने पर सीएमएचओ दफ्तर और हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल कर रहे हैं। इस पर एक ही जवाब दिया जा रहा है कि अगर एक सप्ताह तक आपकी रिपोर्ट नहीं आई तो निगेटिव मानी जाए। प्रदेश के सबसे बड़े हॉट स्पॉट जहांगीराबाद के ही कुछ लोग ऐसे हैं, जिनका सैंपल स्वास्थ्य विभाग की टीम एक सप्ताह पहले ले गई थी लेकिन आज तक उनकी रिपोर्ट नहीं आई। प्रेस कॉम्पलेक्स से भी लिए गए सैंपलों की रिपोर्ट अब तक नहीं आ पाई है। इस संबंध में जब सीएमएचओ प्रभाकर तिवारी से दैनिक जागरण के सहयोगी अखबार नईदुनिया ने बात की तो उन्होंने यही दोहराया कि यदि एक हफ्ते में कोई जानकारी न आए तो रिपोर्ट निगेटिव समझें।
स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी ही सबसे ज्यादा परेशान
स्वास्थ्य संचालनालय के बाद अब सीएमएचओ दफ्तर और जेपी अस्पताल में भी कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं। सैकड़ों कर्मचारियों के सैंपल लिए गए लेकिन दो हफ्ते बाद भी रिपोर्ट का पता न लगने से कर्मचारी परेशान हैं। विगत दिनों सीएमएचओ दफ्तर पहुंचकर स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह कौरव के नेतृत्व में इस संबंध में ज्ञापन भी सौंपा गया था।
25 हजार में से 23 हजार 700 की आई रिपोर्ट
भोपाल में अब तक 25 हजार लोगों के सैंपल लिए गए हैं। इसमें से 23 हजार 700 लोगों की रिपोर्ट आ चुकी है। शेष 1300 रिपोर्ट लंबित है। इसके बावजूद जिन लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है, उनके मोबाइल पर मैसेज नहीं भेजा गया है। इसके पीछे विभागीय अधिकारी तर्क दे रहे हैं कि टाइपिंग की त्रुटि के चलते ऐसा हो रहा है।
सीएमएचओ नहीं देते जवाब
जहांगीराबाद निवासी हरीश तिवारी का कहना है कि रिपोर्ट मांगने पर न सीएमएचओ कोई जवाब देते हैं और न ही डॉक्टर। जो पॉजिटिव मिल रहे हैं सिर्फ उन्हें गुपचुप तरीके से अस्पताल ले जाकर भर्ती कर रहे हैं। जिन कर्मचारियों की कोई ट्रेवल और कांटेक्ट हिस्ट्री नहीं उनके घर होम क्वारंटाइन के बोर्ड लगाए जा रहे हैं। इससे उनके आस-पड़ोस में स्वास्थ्यकर्मी के प्रति हीन भावना पैदा हो रही है।
अब ऑनलाइन देख पाएंगे रिपोर्ट
भोपाल के एडीएम और प्रभारी सैंपलिंग विकास मिश्रा ने कहा कि इस समस्या को देखते हुए हम नई व्यवस्था कर रहे है। इसके तहत सभी रिपोर्ट को एनआईसी के पोर्टल में अपडेट किया जाएगा। इससे कोई भी व्यक्ति सैंपल देने के बाद अपनी रिपोर्ट ऑनलाइन देख सकेगा।