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पैसे और पहचान से फौज में जाने वाले होंगे बाहर, सेना का स्पष्ट संदेश, भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं

सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक सेना में अफसरों की भर्ती में गड़बड़ी से जुड़े इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) कर रहा है। भ्रष्टाचार की जड़ तक पहुंचने के लिए सेना के अधिकारी भी इस जांच में सक्रिय रूप से शामिल हैं।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 08:17 PM (IST)Updated: Tue, 23 Mar 2021 08:20 PM (IST)
पैसे और पहचान से फौज में जाने वाले होंगे बाहर, सेना का स्पष्ट संदेश, भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं
घूसखोर अफसरों के खिलाफ भी की जाएगी सख्त कार्रवाई

नई दिल्ली, एजेंसी। भर्ती घोटाले के सामने आने के बाद खराब हुई छवि को सुधारने में सेना जुट गई है। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलते हुए सेना ने सफाई अभियान शुरू कर दिया है। रिश्वत लेकर अफसरों और जवानों को सेना में भर्ती करने के दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ तो सख्त कार्रवाई की ही जाएगी, पैसे और पहचान के बल पर फौज में जगह बनाने वालों को भी बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा, भले ही वो ट्रेनिंग खत्म कर कमीशन ही क्यों न पा गए हों या फिर प्रशिक्षण के दौर से गुजर रहे हों।

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सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक सेना में अफसरों की भर्ती में गड़बड़ी से जुड़े इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) कर रहा है। भ्रष्टाचार की जड़ तक पहुंचने के लिए सेना के अधिकारी भी इस जांच में सक्रिय रूप से शामिल हैं। सेना ने साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।

दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ सेना करेगी सख्त कार्रवाई

सेना की सूत्रों की मानें तो सीबीआइ ने इस घोटाले में पकड़े अधिकारियों और जवानों से लंबी पूछताछ की है। जांच में जो कोई भी दोषी पाए जाएगा उसके खिलाफ सेना सख्त कार्रवाई करेगी। घूस देकर जो लोग भी सेना में भर्ती पाए जाएंगे, चाहें वह महिला हो या पुरुष, उन्हें बाहर निकाला जाएगा। ट्रेनिंग खत्म कर कमीशंड लेने वालों या ट्रेनिंग ले रहे अफसरों, किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा।

चीफ ऑफ स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने पहले ही साफ कर दिया है कि इस घोटाले में जो कोई भी शामिल होगा, उसे बिना दंडित किए छोड़ा नहीं जाएगा।  

घोटाले में कई अफसरों के नाम

इस घोटाले में लेफ्टिनेंट कर्नल और मेजर रैंक के कई अधिकारियों के नाम सीबीआइ द्वारा दर्ज एफआइआर में शामिल हैं। अब तक की जांच में निचले स्तर के कई अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। इन लोगों के खिलाफ कपूरथला सर्विस सलेक्शन बोर्ड के जरिये घूस लेकर अफसरों और जवानों को सेना में भर्ती करने का आरोप है। सीबीआइ की रिपोर्ट में एक लेफ्टिनेंट और दो प्रशिक्षु कैडेट के नाम भी शामिल है। विस्तृत जांच के बाद माना जा रहा है कि और भी कई लोग इसके दायरे में आ सकते हैं।  

खुफिया इकाई भी कर रही जांच

सेना में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए खुफिया इकाई को भी लगाया गया है। इस घोटाले में सेना में भर्ती के लिए कोचिंग और ट्रेनिंग देने वाली एजेंसियों और कोचिंग सेंटरों की भी भूमिका की जांच की जा रही है।


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