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देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर करने जा रहा अनूठा प्रयोग, निर्माण कार्यों में केवल उपचारित पानी का ही होगा इस्‍तेमाल

देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर एक नया प्रयोग करने जा रहा है। शहर में होने वाले बड़े निर्माण कार्यों के लिए अब केवल उपचारित पानी यानी ट्रीटेड वाटर का इस्‍तेमाल अनिवार्य किया जाएगा। इसके लिए शहर में 75 हाईड्रेंट बनाए जाएंगे।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 04:56 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 04:56 PM (IST)
देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर करने जा रहा अनूठा प्रयोग, निर्माण कार्यों में केवल उपचारित पानी का ही होगा इस्‍तेमाल
देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर एक नया प्रयोग करने जा रहा है।

अमित जलधारी, इंदौर। देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर पांचवीं बार स्वच्छता के क्षेत्र में परचम लहराने के लिए नया प्रयोग करने जा रहा है। शहर में होने वाले बड़े निर्माण कार्यों के लिए अब केवल उपचारित पानी यानी ट्रीटेड वाटर का इस्‍तेमाल अनिवार्य किया जाएगा। ट्रीटमेंट प्लांट में उपचारित पानी को निर्माण कार्यों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए शहर में 75 हाईड्रेंट बनाए जाएंगे।

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25 ट्रीटमेंट प्लांट तैयार

प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक, इन ट्रीटमेंट प्लांट में से 25 तैयार हैं। नगर निगम साफ पानी के निर्माण कार्यों में इस्‍तेमाल पर रोक के लिए कड़े नियम बनाने जा रहा है। नियम का उल्लंघन करने वालों पर एक से दो लाख रुपए तक का जुर्माना होगा। इस साल नवंबर से उपचारित पानी उपलब्ध कराने की तैयारी है। अलग-अलग क्षेत्रफल व निर्माण के हिसाब से जुर्माने की राशि कम-ज्यादा होगी। दिल्ली, हैदराबाद और बेंगलुरू में यह काम सफलतापूर्वक हो रहा है।

रोजाना 105 एमएलडी गंदा पानी करेंगे रियूज

मध्‍य प्रदेश में इंदौर पहला शहर होगा जो निर्माण कार्यों में उपचारित पानी का इस्‍तेमाल अनिवार्य करने जा रहा है। स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 के तहत वाटर प्लस प्रमाण पत्र के लिए यह सब कवायद हो रही है। निगम के वेस्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट असद वारसी के अनुसार, स्वच्छ सर्वेक्षण की गाइडलाइन के हिसाब से इंदौर को रोजाना 105 एमएलडी पानी का फिर से उपयोग करना होगा।

निगम उपलब्ध कराएगा उपचारित पानी

मौजूदा वक्‍त में इंदौर शहर में रोजाना 300 एमएलडी गंदा पानी निकलता है। निगम कॉलोनाइजरों, बिल्डरों और बड़ी व्यावसायिक या आवासीय इमारतें बनाने वालों को सशुल्क उपचारित पानी देने की व्यवस्था कर रहा है। इसके लिए शहर में 25 हाईड्रेंट बनाए गए हैं। निगम उपचारित पानी के समग्र सिस्टम पर 16 करोड़ रुपए का खर्च कर रहा है। निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने उक्‍त जानकारी दी।

साफ पानी के इस्‍तेमाल पर लगेगा बैन

प्रतिभा पाल ने बताया कि पांच हजार वर्ग फीट से बड़े आकार के निर्माण करने वालों को निगम अब बोरिंग या नर्मदा का पानी इस्‍तेमाल नहीं करने देगा। जैसे ही उपचारित पानी देने की सुविधा शुरू होगी, साफ पानी के उपयोग पर प्रतिबंध लग जाएगा। नियम नहीं मानने वालों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। नवंबर से इसे लागू किया जाएगा। कॉलोनाइजरों, बिल्डरों को निर्माण में पानी आपूर्ति के लिए हेल्पलाइन डेस्क बनाई जाएगी।  


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