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देश के सबसे साफ-सुथरा शहर कचरा संग्रहण शुल्क देने में हैं फिसड्डी, 125 करोड़ रुपये तक पहुंचा बकाया राशि

हर साल घर-घर कचरा संग्रहण शुल्क का आंकड़ा करीब 61 करोड़ रुपये बढ़ता जा रहा है। पिछले साल इस मद में नागरिकों ने केवल 36 करोड़ रुपये जमा कराए थे। दिलचस्प यह भी है कि नगर निगम हर साल स्वच्छता संबंधी कार्यो पर लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च करता है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 09:25 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 10:10 PM (IST)
देश के सबसे साफ-सुथरा शहर कचरा संग्रहण शुल्क देने में हैं फिसड्डी, 125 करोड़ रुपये तक पहुंचा बकाया राशि
वित्तीय वर्ष में अब तक 30 प्रतिशत वसूली हुई है।

अमित जलधारी, इंदौर। मध्य प्रदेश का इंदौर शहर लगातार चार साल से देश में साफ-सफाई में नंबर-1 बना हुआ है, लेकिन यहां के नागरिक घर-घर कचरा संग्रहण शुल्क देने में उतने ही पीछे हैं। नगर निगम को नागरिकों से बीते चार साल और जारी वित्तीय वर्ष का 125 करोड़ रुपये कचरा संग्रहण शुल्क वसूलना है। नागरिक कचरा तो खुशी-खुशी निगम की गाड़ियों में डाल देते हैं, लेकिन जब शुल्क भरने की बारी आती है, तो उनका उत्साह ठंडा हो जाता है। अधिकारी भी मानते हैं कि 125 करोड़ रुपये की राशि निगम को मिल जाए, तो उसकी कई आर्थिक कठिनाइयां दूर हो सकती हैं।

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हर साल घर-घर कचरा संग्रहण शुल्क का आंकड़ा करीब 61 करोड़ रुपये बढ़ता जा रहा है। पिछले साल इस मद में नागरिकों ने केवल 36 करोड़ रुपये जमा कराए थे। दिलचस्प यह भी है कि नगर निगम हर साल स्वच्छता संबंधी कार्यो पर लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च करता है।

अब व्यावसायिक संस्थानों को दे रहे हैं दो महीने की छूट

निगम राजस्व विभाग के अपर आयुक्त एसके चैतन्य के अनुसार अब तो निगम लॉकडाउन के दौरान व्यावसायिक संस्थानों को अप्रैल और मई के कचरा संग्रहण शुल्क की छूट दे रहा है। इससे बकाया राशि में तीन-चार करोड़ रुपये कम हो जाएंगे। वर्तमान में रोजाना औसतन 20 से 25 लाख रुपये कचरा संग्रहण शुल्क आ रहा है। यह सही है कि निगम को नागरिकों से बीते चार साल की बकाया राशि के रूप में लगभग 125 करोड़ रुपये वसूलना है।

स्वच्छता सर्वे के लिए भी बढ़ाना है वसूली

इस साल के स्वच्छता सर्वे की गाइडलाइन में भी उल्लेख है कि निकायों को जारी वित्तीय वर्ष में आवासीय श्रेणी में 70 और व्यावसायिक श्रेणी में 90 प्रतिशत वसूली करनी है। इंदौर में आवासीय श्रेणी में लोगों से न्यूनतम 70 से 150 रुपये प्रति माह और व्यावसायिक श्रेणी में 100 से 180 रुपये प्रति महीने का शुल्क वसूला जाता है।

महत्व राशि का नहीं, रसीदों का है कचरा

इंदौर की नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि संग्रहण शुल्क की राशि इसलिए 125 करोड़ तक पहुंची है, क्योंकि उसमें बीते सालों की राशि भी जुड़ी है। स्वच्छता सर्वे में महत्व वसूली के आंकड़े का नहीं, बल्कि रसीदों का है। जारी वित्तीय वर्ष में अब तक 30 प्रतिशत वसूली हुई है।


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