Move to Jagran APP

कामकाज के आखिरी दिन CJI रंजन गोगाई बोले, मौन रहकर अपनी आजादी का इस्तेमाल करें

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट परिसर में विदाई दी गई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 05:42 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 09:06 PM (IST)
कामकाज के आखिरी दिन CJI रंजन गोगाई बोले, मौन रहकर अपनी आजादी का इस्तेमाल करें
कामकाज के आखिरी दिन CJI रंजन गोगाई बोले, मौन रहकर अपनी आजादी का इस्तेमाल करें

नई दिल्ली, एजेंसियां। अयोध्या भूमि विवाद में ऐतिहासिक फैसले के साथ इतिहास में अपना नाम दर्ज करा चुके प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने शीर्ष अदालत में अपने आखिरी दिन जजों को भी बड़ी नसीहत दे डाली। सीजेआइ ने कहा कि जजों को चुप रहकर अपनी आजादी का इस्तेमाल करना चाहिए। जस्टिस गोगोई वैसे तो रविवार 17 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे, लेकिन शुक्रवार को शीर्ष अदालत में उनका आखिरी कार्यदिवस था। शीर्ष अदालत में शनिवार और रविवार को अवकाश रहता है। सुप्रीम कोर्ट की संतुलित रिपोर्टिग के लिए पत्रकारों की सराहना करते हुए जस्टिस गोगोई ने यह भी कह दिया कि इंटरव्यू के लिए कोई उनके पास न आए।

loksabha election banner

सुप्रीम कोर्ट को कवर करने वाले पत्रकारों को लिखे पत्र में जस्टिस गोगोई ने कहा है, 'मैं उत्सुक हूं कि आप इस बात की सराहना करेंगे कि हमारे संस्थागत कामकाज में सामान्य स्वतंत्रता बहुत संतुलित है-आपके पास बार है जिसके सदस्य अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को इस तरह की स्वतंत्रता की सीमाओं के पार तक ले जा सकते हैं तो पीठ के लिए जरूरी है कि उसके न्यायाधीश अपनी आजादी का इस्तेमाल करते हुए चुप्पी बनाए रखें।'

प्रधान न्यायाधीश ने आगे कहा, 'कहने का मतलब यह नहीं है कि जज बोलते नहीं हैं। वे बोलते हैं, लेकिन केवल कार्यात्मक आवश्यकता पर उससे अलग नहीं। कड़वी सच्चाई यादों में बनी रहनी चाहिए।'

देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश जस्टिस गोगोई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के लिए यह जरूरी नहीं है कि वह प्रेस के माध्यम से लोगों तक पहुंचे। असाधारण परिस्थितियों में ही सांकेतिक तौर पर जजों को प्रेस के पास जाना चाहिए। बता दें कि जस्टिस गोगोई और सुप्रीम कोर्ट के तीन अन्य शीर्ष जजों- जस्टिस जे. चेलमेश्वर, जस्टिस मदन बी. लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने 12 जनवरी, 2018 को प्रेस कांफ्रेंस कर शीर्ष अदालत में काम के बंटवारे को लेकर सवाल उठाए थे। यह पहला मौका था तब शीर्ष अदालत के जजों ने प्रेस कांफ्रेंस की थी। तब प्रधान न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा थे। जस्टिस दीपक मिश्रा के सेवानिवृत्त होने के बाद 3 अक्टूबर, 2018 को जस्टिस गोगोई प्रधान न्यायाधीश बने थे। पूर्वोत्तर राज्यों से बनने वाले वह पहले प्रधान न्यायाधीश हैं।

बापू को श्रद्धांजलि दी

अदालत में अपने आखिरी दिन कामकाज संभालने से पहले जस्टिस गोगोई बापू की समाधि राजघाट भी हुए। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।

जस्टिस बोबडे के साथ कोर्ट में बैठे

जस्टिस गोगोई शुक्रवार को आखिरी दिन शीर्ष अदालत में कोर्ट नंबर एक में बैठे। उनके साथ अगले प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे भी थे। उन्होंने उनके सामने रखे गए 10 मामलों में सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किए। कोर्ट नंबर एक सुप्रीम कोर्ट में प्रधान न्यायाधीश का कोर्ट है।

सादे समारोह में जस्टिस गोगोई को दी गई विदाई

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को सादे समारोह में विदाई दी। सुप्रीम कोर्ट के लॉन में आयोजित विदाई समारोह में कोई भाषणबाजी नहीं हुई। बार एसोसिएशन ने जस्टिस गोगोई का आभार जताया। समारोह में जस्टिस गोगोई के लिखित संदेश को पढ़ा गया। अपने संदेश में जस्टिस गोगोई ने बार एसोसिएशन की सराहना की। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भले ही वह सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हो रहे हैं, लेकिन वह हमेशा इसके साथ बने रहेंगे। समारोह में जस्टिस बोबडे समेत सुप्रीम कोर्ट के लगभग सभी जज और वरिष्ठ वकील मौजूद थे। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी इस मौके पर उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.