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टेरर फंडिंग मामला: पब्‍लिक डोमेन से NIA को मिली जानकारी, चार्जशीट में हैं ये आरोप

एनआइए की चार्जशीट में यह भी दिखाया गया है कि एजेंसी आरोपियों के बारे में पब्‍लिक डोमेन पर उपलब्‍ध सूचनाओं पर निर्भर है।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 05 Feb 2018 12:04 PM (IST)Updated: Mon, 05 Feb 2018 04:26 PM (IST)
टेरर फंडिंग मामला: पब्‍लिक डोमेन से NIA को मिली जानकारी, चार्जशीट में हैं ये आरोप
टेरर फंडिंग मामला: पब्‍लिक डोमेन से NIA को मिली जानकारी, चार्जशीट में हैं ये आरोप

नई दिल्‍ली (एजेंसी)। राष्‍ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआइए) द्वारा दाखिल चार्जशीट में यह बताया गया है कि घाटी में व्‍हाट्सएप ग्रुप व पाकिस्‍तान डे मनाने की बात करने वाले विरोध प्रदर्शन कैलेंडर के जरिए किसी तरह पथराव की घटना को अंजाम दिया जाता है।

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1,279 पृष्‍ठों में है चार्जशीट

जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कथित रूप से फंडिंग करने के मामले में एनआइए ने पटियाला हाउस कोर्ट में 12 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की। एनआइए ने 1,279 पृष्ठों की चार्जशीट दायर की थी।

कश्‍मीरी अलगाववादी समेत 12 हैं आरोपी

6 माह पहले जब राष्‍ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआइए) ने कश्‍मीरी अलगाववादी समेत 12 के खिलाफ कथित टेरर फंडिंग का मामला दर्ज कराया था तब इसका दावा था कि इन्‍हें पाकिस्‍तान के आतंकी संगठनों- लश्‍कर-ए-तैयबा और हिज्‍बुल मुजाहिद्दीन से फंड प्राप्‍त हो रहे हैं। साथ ही इसने दावा किया कि इन सभी के लश्‍कर चीफ हाफिज सईद और हिज्‍बुल के सैयद सलाहुद्दीन से करीबी संबंध है।

पब्‍लिक डोमेन से एनआइए को मदद

एनआइए की चार्जशीट में यह भी दिखाया गया है कि एजेंसी आरोपियों के बारे में पब्‍लिक डोमेन पर उपलब्‍ध सूचनाओं पर निर्भर है। एनआइए ने इनपर आरोपों को लगाने के लिए अंत्येष्टि में भागीदारी, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री द्वारा लिखे गए एक पत्र, उनके आतंकवाद का इतिहास, विरोध प्रदर्शनों के दौरान आईएसआईएस पोस्‍टर्स व पाकिस्‍तानी झंडे, मारे गए आतंकियों के परिवारों के लिए वित्तीय सहायता की मांग, और गैरकानूनी संगठनों के सदस्यों के साथ तस्‍वीर का प्रयोग किया है।

शुक्रवार को स्‍पेशल कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया। कोर्ट ने आरोपों पर तर्क और दस्तावेजों की छानबीन के लिए 8 मार्च की तारीख तय की है। 

- ‘हुर्रियत साजिश व अलगाववादी एजेंडा’ टाइटल के तहत चार्जशीट में सबूत के तौर पर वेबसाइट www.hurriyatconference.com का उल्‍लेख है जो ‘आजादी के जंग’ के बारे में बोलता है, और जम्‍मू कश्‍मीर के लोग भारत के विरोध में लड़ रहे हैं। वेबसाइट पर सैयद अली शाह गिलानी को एपीएचसी और तहरीक-ए-हुर्रियत के चेयरमैन के तौर पर उल्‍लेख किया गया है। इसमें लिखा है- 27 अक्‍टूबर, 1947 को भारतीय सेना कश्‍मीर पहुंची और तब से भारतीय नियंत्रण से आजादी के लिए जम्‍मू कश्‍मीर के लोग लड़ रहे हैं।

- चार्जशीट में आगे कहा गया है-‘ इस तरह का कंटेंट स्‍पष्‍ट तौर पर तहरीक-ए-हुर्रियत और इसके नेता व कैडरों के अलगाववादी एजेंडा को दिखाता है। इसका मुख्‍य लक्ष्‍य जम्‍मू कश्‍मीर को भारत से अलग करना है।‘

- आरोपी अय्याज अकबर खांडे द्वारा व्‍हाट्सएप पर हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक को एक अपील भेजा गया। इसके अनुसार- सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मोहम्‍मद यासिन मलिक ने रविवार को संयुक्‍त बयान में सभी राजनीतिक व आतंकी संगठनों को आजादी के लिए लड़ने को कहा।

- आरोपी अल्‍ताफ अहमद शाह फंटूश के मोबाइल फोन के एक वीडियो में उसके ससुर सैयद अली शाह गिलानी द्वारा दिया गया भाषण है जिसमें उन्‍होंने कहा- …शब्‍दों के जरिए, लेखनी के जरिए, मुजाहिदीन की हर दिन की जरूरतों में मदद से भी जिहाद हो सकता है। प्रत्‍येक मुस्‍लिम की जिंदगी मुजाहिद्दीन की जिंदगी जैसी होनी चाहिए।

- बशीर अहमद भट उर्फ पीर शैफुल्‍लाह का फेसबुक पोस्‍ट। चार्जशीट में कहा गया है- इससे पता चलता है कि उसने संसद आतंकी हमले के दोषी आतंकी अफजल गुरु की तस्‍वीर अपलोड किया है। चार्जशीट में 5 दिसंबर 2013 के फेसबुक पोस्‍ट की बात कही गयी जब भट ने गिलानी के बयान को शेयर किया था जिसमें कहा गया कि भारत का पूरा धन भी शहीद की मौत का हर्जाना नहीं चुका सकता। इससे यह स्‍पष्‍ट होता है कि गिलानी और भट ऐसे पोस्‍ट के जरिए जनता के बीच भारत विरोधी भावनाओं को उकसा रहे हैं।

इनसब के अलावा चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि व्‍हाट्सएप ग्रुप के जरिए किसी तरह लोगों को पाकिस्‍तान डे मनाने को कहा जाता है और घाटी में पथराव जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है।

एजेंसी ने अल्‍ताफ शाह, हाफिज मोहम्‍मद सईद, सैयद सलाहुद्दीन, नईम खान, शाहिदुल इस्‍लाम, जहूर अहमद वाताली और फोटो जर्नलिस्‍ट मारान युसूफ समेत 12 कश्‍मीरियों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया है। एजेंसी का दावा है कि इस मामले में करोड़ों के संदिग्‍ध ट्रांजैक्शन के रिपोर्ट भी हाथ लगे हैं लेकिन अभी इसके स्रोत तक पहुंचने के लिए जांच की जा रही है। एजेंसी के अनुसार, इस फंडिंग के बारे में कश्‍मीरी बिजनेसमैन वताली द्वारा लिए गए अकाउंट बुक से पता चला। इस बुक में सईद और गिलानी का नाम भुगतान के साथ लिखा गया है।


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