ईसाई लड़कियां आतंकी गतिविधियों में शामिल इस्लामिक कट्टरपंथियों के निशाने पर
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) ने केरल में ईसाई लड़कियों के आतंकी गतिविधियों में शामिल इस्लामिक कट्टरपंथियों के निशाने पर होने को लेकर चिंता जताई है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) ने केरल में ईसाई लड़कियों के आतंकी गतिविधियों में शामिल इस्लामिक कट्टरपंथियों के निशाने पर होने को लेकर चिंता जताई है। एनसीएम के उपाध्यक्ष जार्ज कुरियन ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) से जांच कराने की मांग की है।
लव जिहाद के खिलाफ आवाज बुलंद की
विश्व हिंदू परिषद ने कुरियन के तुरंत बाद ही लव जिहाद के खिलाफ आवाज बुलंद की। संगठन ने कहा कि लव जिहाद धर्मातरण का एक घिनौना रूप है। इस संबंध में एनसीएम की चिंता अत्यंत महत्वपूर्ण है। अमित शाह, केंद्र सरकार इस मुद्दे को संज्ञान में ले और लव जिहाद एवं धर्मातरण के खिलाफ कठोर कानून लागू करे।
गृह मंत्रालय को भेजे गए पत्र में कुरियन ने केंद्र से सुनियोजित धर्मातरण से निपटने के लिए कठोर कानून लाने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि इसपर रोक नहीं लगाई गई तो इससे राज्य में सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा हो जाएगा।
धर्मातरण की बाढ़
इस मुद्दे पर चेतावनी देते हुए कुरियन ने 23 सितंबर को लिखे गए पत्र में कहा है, 'सुनियोजित धर्मातरण की बाढ़ और लव जिहाद के माध्यम से फांस कर आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल किए जाने से पता चलता है कि ईसाई समुदाय इस्लामिक कट्टरपंथियों के आसान निशाने पर है। यह मुद्दा गंभीर है क्योंकि इससे राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द खराब हो सकता है। पाया गया है कि अधिकांश मामलों में शिकार बनने वाले का ब्रेनवाश किया गया और कुछ मामलों में उन्हें आतंकी गतिविधियों में कूरियर के रूप में इस्तेमाल किया गया।'
कुरियन ने कहा कि पीड़ित परिवार भय के कारण मुद्दे की जानकारी देने के लिए सामने नहीं आते हैं। महत्वपूर्ण है कि गृह मंत्रालय इस चिंताजनक रुख को ध्यान में ले और कट्टरपंथी तत्वों की ऐसी गतिविधि पर काबू पाने के लिए प्रभावी कानून लाए।
सनसनीखेज खुलासा
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष जॉर्ज कुरियन ने कहा कि हाल ही में मुझे कालीकट और दिल्ली से कई शिकायतें मिलीं। इसमें माता-पिता ने शिकायत की थी कि उनकी बेटियों का अपहरण या बलात्कार किया गया था। दिल्ली के मामले में लड़की भारत में नहीं होती है। उन्हें पता चला कि वह पश्चिम एशिया में पहुंच गई हैं। कालीकट मामले में शिकायत मिली है कि लड़की के साथ एक आदमी ने दुष्कर्म किया है। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि शख्स ने जबरन उसका अपहरण करने की कोशिश की।
उन्होंने बताया कि दोनों मामलों में पुलिस पूछताछ जारी है। कालीकट के मामले में अपराधी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। माता-पिता ने मुझसे संपर्क किया और दोनों शिकायतों में यह उल्लेख किया है कि इन गतिविधियों के पीछे किसी प्रकार का संदेह है और कुछ आतंकवादी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि 2009 में कई ईसाई लड़कियों को केरल में इस्लामिक आतंकवाद में बदल दिया गया था। यह एक कपटपूर्ण रूपांतरण है क्योंकि वे इस्लाम में नहीं बल्कि आतंकवाद में परिवर्तित हो रहे हैं। 2012 में केरल से लगभग 21 लोग ISIS में शामिल हुए। उनमें से पांच का ईसाई धर्म से धर्मांतरण किया गया। उनमें सभी की हत्या कर दी गई।