Chinese Visa Case: कार्ति चिंदबरम के खिलाफ मनी लान्ड्रिंग का केस दर्ज, चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने के मामले में हुई कार्रवाई
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं। ईडी ने 2011 में 263 चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने से संबंधित कथित घोटाले में कार्ति चिंदबरम और अन्य के खिलाफ मनी लान्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 2011 में 263 चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने से संबंधित कथित घोटाले में कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम और अन्य के खिलाफ मनी लान्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। अधिकारियों के अनुसार, ईडी ने सीबीआइ की हालिया एफआइआर का संज्ञान लेते हुए धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। बता दें कि यह घोटाला उस समय हुआ जब उनके पिता पी चिदंबरम गृह मंत्री थे।
यह है पूरा मामला
सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, यह मामला कार्ति और उनके करीबी एस भास्कररमन को वेदांता समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) के एक शीर्ष अधिकारी द्वारा रिश्वत के रूप में 50 लाख रुपये दिए जाने के आरोपों से संबंधित है, जो पंजाब में एक बिजली संयंत्र स्थापित कर रहा था।
आरोपी से पूछताछ करेगी ईडी
अधिकारियों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) संभावित 'अपराध की आय' की जांच करेगा जो कथित अवैध गतिविधि के कारण उत्पन्न हो सकता था। उन्होंने कहा कि जांच के तहत आरोपी से पूछताछ की जाएगी।
कार्ति चिदंबरम ने आरोपों का किया खंडन
कार्ति चिदंबरम ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि यह उत्पीड़न नहीं तो क्या है?
कार्ति का करीबी भास्कर रमन गिरफ्तार
सीबीआइ ने कार्ति चिदंबरम के करीबी भास्कर रमन को 17 मई को गिरफ्तार किया था। इस मामले में यह पहली गिरफ्तारी थी। 19 मई को सीबीआइ ने चिदंबरम के देशभर में करीब सात ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी के बाद चिदंबरम ने ट्वीट किया था कि जांच एजेंसी को इस दौरान कुछ नहीं मिला। उन्होंने ये भी लिखा था कि सीबीआइ ने इस दौरान जो पेपर दिखाए उसमें उनका नाम बतौर आरोपी शामिल नहीं था।
एफआइआर में किसके-किसके नाम
सीबीआइ ने 14 मई को दर्ज एफआइआर में कार्ति चिदंबरम के अलावा उनके निकट सहयोगी भास्कर रमन, विकास मखारिया, टीएसपीएल, बेल टूल्स लिमिटेड को भी आरोपित बनाया है। छठवें आरोपी के तौर पर अज्ञात सरकारी अधिकारी और निजी व्यक्ति को आरोपित बनाया गया है। इनके खिलाफ आइपीसी और भ्रष्टाचार निवारण कानून की विभिन्न धाराएं लगाई गई हैं। हालांकि इस मामले में दर्ज की गई एफआइआर में पी चिदंबरम का नाम शामिल नहीं है।