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बांग्लादेश की पनडुब्बी विकास परियोजना पर चीन की नजर, भारत को घेरने की साजिश

चीन की निगाह बांग्लादेश की सबमरीन बेस बीएनएस शेख हसीना परियोजना पर है। वह उसके जरिये बांग्लादेश के रक्षा क्षेत्र में पकड़ बनाना चाहता है साथ ही वहां पर बड़ा कारोबार करना चाहता है

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 10:47 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2020 10:47 PM (IST)
बांग्लादेश की पनडुब्बी विकास परियोजना पर चीन की नजर, भारत को घेरने की साजिश
बांग्लादेश की पनडुब्बी विकास परियोजना पर चीन की नजर, भारत को घेरने की साजिश

नई दिल्ली, आइएएनएस। भारत को घेरने की नापाक साजिश चीन कर रहा है। पूर्वी लद्दाख में भारत से भिड़ने के बाद चीन की गिद्ध दृष्टि अब बांग्लादेश के रक्षा सौदों और रणनीतिक ठिकानों पर है। बांग्लादेश में चीन के राजदूत ली जीमिंग का चीनी कंपनियों को ढाका आमंत्रित करना उनके लिए सिर्फ कारोबार की संभावना तलाशना नहीं है, बल्कि उन्हें रक्षा से जुड़े ठेके दिलाना है।

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चीन की निगाह बांग्लादेश की अत्याधुनिक सबमरीन बेस (पनडुब्बी अड्डा) बीएनएस शेख हसीना परियोजना पर है। वह उसके जरिये बांग्लादेश के रक्षा क्षेत्र में पकड़ बनाना चाहता है, साथ ही वहां पर बड़ा कारोबार करना चाहता है। इसी खास उद्देश्य से बांग्लादेश में जीमिंग की नियुक्ति की गई है। उनका मकसद प्रधानमंत्री शेख हसीना की चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से नजदीकी बढ़ाना है। इससे दोनों देशों में नीतिगत निकटता बढ़ेगी, जिसका लाभ अंतत: चीन को मिलेगा। ऐसा कर उसे तीन लाभ होंगे। बांग्लादेश में कारोबार बढ़ेगा, बांग्लादेश को भारत से दूर किया जा सकेगा और रक्षा प्रतिष्ठानों में पैठ बढ़ाकर भारत को घेरा जा सकेगा। बांग्लादेश भी इस दिशा में आगे बढ़ चुका है।

2019 में बांग्लादेश चीन की वन बेल्ट-वन रोड (ओबीओरआर) परियोजना से जुड़ने की इच्छा व्यक्त कर चुका है। प्रधानमंत्री हसीना ने देश की नौसेना और समुद्री सुरक्षा के विकास में चीन का साथ लेने की भी हामी भरी है। ऐसे में चीन अब बांग्लादेश में बंदरगाह, हवाई अड्डों के विकास और पेकुआ में बनने वाले सबमरीन बेस बीएनएस शेख हसीना का काम मिलने की जुगत भिड़ा रहा है। भारतीय खुफिया सूत्रों के अनुसार, चीन की सरकारी कंपनी पॉली टेक्नोलॉजीज इंक सबमरीन परियोजना के लिए 10,300 करोड़ बांग्लादेशी टका का ठेका पाने के काफी करीब है। अगर चीन की कोशिश परवान चढ़ती है, तो आने वाले वर्षों में भारत की मुश्किल बढ़ेगी। उसे बांग्लादेश की ओर से भी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।


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