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भारतीय सीमा पर पकड़ा गया चीनी सैनिक, सेना ने पेश की इंसानियत की मिसाल, पीएलए को सौंपने का लिया फैसला

एलएसी पर चीन से तनाव के बीच पूर्वी लद्दाख के चुमार -डेमचोक इलाके में चीन के एक सैनिक को पकड़ा गया है। भारतीय सीमा में इस चीनी सैनिक को देखा गया जिसके बाद सुरक्षा बलों ने इसे पकड़ लिया।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 03:39 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 07:30 PM (IST)
भारतीय सीमा पर पकड़ा गया चीनी सैनिक, सेना ने पेश की इंसानियत की मिसाल, पीएलए को सौंपने का लिया फैसला
पूर्वी लद्दाख के चुमार -डेमचोक इलाके में चीन के एक सैनिक को पकड़ा गया है।

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। एलएसी पर चीन से तनाव के बीच पूर्वी लद्दाख के चुमार -डेमचोक इलाके में चीन के एक सैनिक को पकड़ा गया है। भारतीय सीमा में इस चीनी सैनिक को देखा गया जिसके बाद सुरक्षा बलों ने इसे पकड़ लिया। सुरक्षा बलों ने  उससे भारतीय सीमा में आने की वजह पूछी। सूत्रों की मानें तो हिरासत में लिया गया चीनी सैनिक कॉरपोरल रैंक पर है। उसके पास से सिविल और मिलिट्री दस्‍तावेज भी बरामद किए गए। उसने पूछताछ में बताया कि वह शांगजी इलाके का रहना वाला है।

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सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना की हिरासत में आए पीएलए सैनिक की पहचान कॉर्पोरल वांग या लांग (Wang Ya Long) के रूप में हुई है। रिपोर्टों के मुताबिक, वह पूर्वी लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में भटक गया था। समाचार एजेंसी एएनआई ने जानकारी दी है कि हिरासत में लेने के बाद भारतीय सेना ने इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए इस चीनी सैनिक को अत्यधिक ऊंचाई और कठोर जलवायु परिस्थितियों से बचाने के लिए ऑक्सीजन, खाना और गर्म कपड़े समेत अन्‍य जरूरी चिकित्सा मदद मुहैया कराई गई।  

माना जा रहा है कि वह अनजाने में भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर गया होगा। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, भारतीय सेना ने अपने बयान में कहा है कि तय प्रक्रिया का अनुपालन करने के बाद प्रोटोकॉल के अनुसार उक्‍त चीनी सैनिक को चुशुल - मोल्डो बैठक बिंदु पर वापस चीनी सेना के हवाले कर दिया जाएगा। हालांकि कुछ अन्‍य रिपोर्टों में कहा गया है कि उसके किसी जासूसी मिशन पर होने को लेकर भी छानबीन की गई। यहां बता देना जरूरी है कि जो दरियादिली भारतीय सेना ने दिखाई है चीनी सेना ऐसी पहल करने से बचने की कोशिश करती है।

उल्‍लेखनीय है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी पीएलए ने बीते 4 सितंबर को अरुणाचल प्रदेश से पांच युवाओं को कथित तौर पर अगवा कर लिया था। बाद में भारत के तगड़े राजनयिक दबाव के चलते कई दिन बाद इन्‍हें रिहा किया था। सनद रहे बीजिंग में नियमित प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों ने जब चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान से इन अगवा भारतीय युवकों के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने सीधा जवाब नहीं दिया था। उन्‍होंने साफ कहा था कि उनको इसके बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है... 

समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, चीन की पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी ने भारतीय सेना से अपने सैनिक को वापस करने की गुहार लगाई थी। भारतीय सेना ने कहा है कि वह इस सैनिक को सकुशल पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी के हवाले कर देगी। ऐसा नहीं है कि भारतीय सेना ने ऐसी दरियादिली पहली बार दिखाई है। ऐसे कई वाकए हुए हैं जब भारतीय सेना ने सौहार्द की मिसाल पेश की है। बीते 31 अगस्त को भारतीय सेना की पूर्वी कमान ने अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी कामेंग (East Kameng) में चीनी नागरिकों के 13 याक और चार बछड़ों को चीन के अधिकारियों को सौंपा था।  


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