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रंग लाया भारत का दबाव, पैंगोंग सो इलाके में और हटी चीनी सेना, झील से कुछ नावों को भी हटाया

चीन पर भारत का दबाव रंग ला रहा है। चीनी सेना ने फिंगर चार पर अपनी मौजूदगी को और कम किया है। यहां तक कि उसने पैंगोंग झील से कुछ नावों को भी हटा लिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 12 Jul 2020 06:01 AM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 06:01 AM (IST)
रंग लाया भारत का दबाव, पैंगोंग सो इलाके में और हटी चीनी सेना, झील से कुछ नावों को भी हटाया
रंग लाया भारत का दबाव, पैंगोंग सो इलाके में और हटी चीनी सेना, झील से कुछ नावों को भी हटाया

नई दिल्ली, पीटीआइ। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय और चीनी सेनाओं के पूरी तरह पीछे हटने की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की एक और दौर की बातचीत से पहले चीनी सेना ने फिंगर चार पर अपनी मौजूदगी और कम की है और पैंगोंग झील से कुछ नावों को हटा लिया है। पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो में पांच मई को दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसके बाद तनाव बढ़ गया था।

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सैन्य स्तरीय बातचीत में उम्मीद है कि दोनों पक्ष विशेष रूप से पैंगोंग सो और देपसांग से सेनाओं को हटाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। इसके अलावा उम्मीद जताई जा रही है कि समयबद्ध तरीके से दोनों पक्षों की सेनाएं पीछे हटेंगी। दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में बड़ी संख्या में तोपखाने और टैंक समेत सैनिकों की तैनाती की है।

रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की फोन पर लगभग दो घंटे हुई बातचीत के बाद पीछे हटने की औपचारिक प्रक्रिया सोमवार की सुबह शुरू हुई। सूत्रों के अनुसार पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पीछे हटने की प्रक्रिया के प्रथम चरण में चीनी सेना ने गलवन घाटी, गोगरा और हॉट स्पि्रंग्स में गतिरोध के बिंदुओं से पीछे हटने का काम पहले ही पूरा कर लिया है। मुख्य रूप से अब पैंगोंग सो पर ध्यान केंद्रित है। भारत इस बात पर जोर देता रहा है कि चीन को फिंगर चार और आठ से अपनी सेनाएं हटानी होंगी।

सूत्रों ने बताया कि फिंगर चार से चीन ने अपने और सैनिकों को वापस बुला लिया है और उन्होंने पैंगोंग झील से कुछ नावें हटा ली हैं। शुक्रवार को भारत और चीन ने राजनयिक स्तर की एक और दौर की बातचीत की थी। इसमें दोनों पक्षों ने शांति कायम करने के लिए समयबद्ध तरीके से सेनाओं को पीछे हटाने का संकल्प लिया था। बातचीत में यह निर्णय लिया गया कि दोनों सेनाओं के वरिष्ठ कमांडर तनाव कम करने के लिए अगला कदम उठाने की खातिर जल्द ही पुन: बैठक करेंगे।


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