मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया और वियतनाम के रास्ते भारत नहीं आ पाएगा चीनी सामान
आसियान देशों के साथ भारत के मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) का फायदा अब चीन नहीं उठा पाएगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आसियान देशों के साथ भारत के मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) का फायदा अब चीन नहीं उठा पाएगा। वित्त मंत्रालय के मुताबिक 21 सितंबर से सरकार एफटीए वाले देशों से आने वाले माल की जांच के लिए नए नियम लागू कर रही है। इसके तहत आयातकों को सोर्स ऑफ ओरिजिन का सर्टिफिकेट पेश करना होगा। जिस देश से माल का आयात हो रहा है, वहां कम से कम उस माल में 35 फीसद का वैल्यू एडीशन होने पर ही वह माल उस देश का माना जाएगा और तभी उसे एफटीए के तहत शुल्क में माफी का फायदा मिल पाएगा। सरकार ने गत अगस्त महीने में इस नियम को अधिसूचित कर दिया था जिसे 21 सितंबर से लागू किया जा रहा है।
आसियान से जुड़े देशों के रास्ते चीन अपना माल भारत में भेज रहा था
अभी एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस (आसियान) से जुड़े देशों के रास्ते चीन अपना माल भारत में भेज रहा था। खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स सामान के आयात के मामले में आसियान देशों के रास्ते चीनी माल आ रहे थे। आसियान के साथ भारत का एफटीए है, इस कारण इन देशों से आने वाले सामान पर भारत में शुल्क नहीं लगता है या अधिकतम 5 फीसद का शुल्क देना पड़ता है। आसियान से जुड़े मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर और वियतनाम जैसे देशों के रास्ते चीन के माल भारत में आ रहे थे क्योंकि इन देशों का चीन के साथ भी एफटीए है। इसलिए चीन के इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम इन देशों में भी बिना शुल्क के आ जाते हैं।
21 सितंबर से इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम के आयात पर सरकार की विशेष नजर
अब 21 सितंबर से आसियान देशों से आयात होने वाले सामान पर शुल्क छूट लेने के लिए आयातकों को वस्तु को ओरिजिन का सोर्स सर्टिफिकेट देना होगा। उस सर्टिफिकेट में वैल्यू कंटेंट, उत्पाद की विशेषता सबका जिक्र होना चाहिए। कस्टम अधिकारी अगर उस सर्टिफिकेट से 15 दिनों के अंदर संतुष्ट नहीं होता है तो सोर्स ऑफ ओरिजिन वाले देश से कस्टम अधिकारी वेरिफिकेशन करेगा। अगर उस देश से कोई जवाब नहीं आता है तो उस वस्तु के आयात को एफटीए के तहत नहीं माना जाएगा और आयातक को पूरा शुल्क देना होगा। आयातकों के पास इस बात के भी सर्टिफिकेट होने चाहिए कि जिस देश से वस्तु का आयात किया गया है वहां उस वस्तु में कम से कम 35 फीसद वैल्यू एडीशन किया गया है। मतलब चीन से कोई माल वियतनाम आता है तो उस वस्तु में कम से कम 35 फीसद वैल्यू एडीशन के बाद ही उस वस्तु को वियतनाम का माना जाएगा।
इन वस्तुओं के आयात पर सरकार की होगी विशेष नजर
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