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चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास अंदरूनी इलाकों से हटाए अपने 10 हजार सैनिक, जानें इसकी वजह

चीनी सेना ने वास्‍तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी दूसरी तरफ प्रशिक्षण वाले इलाकों से अपने 10 हजार सैनिकों को वापस बुलाया है। पूर्वी लद्दाख में पिछले साल अप्रैल मई से ही चीन ने एलएसी पर अपने सैनिकों का जमावड़ा बढ़ा दिया था...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 08:10 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 07:05 AM (IST)
चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास अंदरूनी इलाकों से हटाए अपने 10 हजार सैनिक, जानें इसकी वजह
चीनी सेना ने एलएसी से सटे अंदरूनी इलाकों से अपने 10 हजार सैनिकों को वापस बुलाया है।

नई दिल्‍ली, एएनआइ। एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के नजदीक के अपने अंदरूनी इलाकों से करीब 10 हजार सैनिक पीछे हटा लिए हैं। हालांकि अग्रिम इलाकों में तैनाती बरकरार है और इस सेक्टर के कई इलाकों में दोनों ओर के सैनिक आमने-सामने डटे हुए हैं। सरकारी सूत्रों ने बताया कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर और उसके आसपास के इलाकों के सामने के अपने पारंपरिक प्रशिक्षण क्षेत्रों से करीब 10 हजार सैनिकों को पीछे हटा लिया है। 

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हथियारों की तैनाती बरकरार 

चीन के पारंपरिक प्रशिक्षण क्षेत्र एलएसी से 80 से 100 किमी दूर हैं। चीन ने इन सैनिकों को पिछले साल अप्रैल-मई से वहां बनाए रखा था। सूत्रों का कहना है कि चीन द्वारा भारतीय सीमा के नजदीक तैनात किए गए भारी हथियारों को क्षेत्र में बरकरार रखा गया है। 

कड़ाके की सर्दी से बेहाल हुआ चीन 

सूत्रों का कहना है कि अंदरूनी इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने की वजह कड़ाके की ठंड हो सकती है और इस बेहद सर्द क्षेत्र में बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात रखने में संभवत: उन्हें कठिनाई पेश आ रही होगी। यह कहना कठिन है कि फरवरी-मार्च में तापमान बढ़ने पर वे इन सैनिकों को वापस लाएंगे अथवा नहीं। 

चीन का यह कदम असामान्‍य नहीं 

जानकारों का कहना है कि सर्दी के मौसम में प्रशिक्षण क्षेत्रों से चीनी सेना द्वारा सैनिकों को पीछे हटाना असामान्य नहीं है। उनका कहना है कि भारत भी इसी तरह के कदम उठाता है और उच्च पर्वतीय क्षेत्र में प्रशिक्षण क्षेत्रों से सैनिकों को हटाता है। 

50 हजार सैनिकों को किया था तैनात 

अप्रैल-मई, 2020 में चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में भारतीय सीमा के सामने करीब 50 हजार सैनिकों को तैनात किया था। भारत ने भी तेजी से कार्रवाई करते हुए इतनी ही संख्या में अपने सैनिकों को तैनात कर दिया था। वार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास के नाम पर चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्रों में अतिक्रमण करने की कोशिश की थी जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों में कई झड़पें भी हुईं थीं। यही वजह है कि भारतीय सेना उनकी गतिविधियों पर कड़ाई से नजर रखे हुए है।

भारत ने लौटाया चीनी सैनिक

इस बीच भारत ने तीन दिन पहले एलएसी पर पकड़े गए चीनी सैनिक को लौटा दिया है। सेना की ओर से जारी बयान के मुताबिक, लद्दाख में एलएसी पर चुशूल-मोल्डो सैन्य कैंप में इस चीनी सैनिक को सुबह (10 बजकर 10 मिनट पर) पीएलए के हवाले किया गया। बता दें कि बीते आठ जनवरी को इस चीनी सैनिक को पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर पकड़ा गया था। 

लद्दाख में पकड़ा गया था चीनी सैनिक

भारतीय सेना ने उसे तुरंत कब्जे में लेते हुए सैन्य प्रोटोकॉल का पालन करते हुए उससे पूछताछ शुरू की और सीमा का अतिक्रमण कर भारत में घुस आए उसके सैनिक के हिरासत में होने की चीनी सेना को जानकारी भी दी थी। अपने सैनिक के पकड़े जाने पर चीन ने भारत से उसे रिहा करने की मांग करते हुए सफाई दी कि अंधेरे में भटककर वह गलती से भारतीय सीमा में चला गया। सेना और सैन्य एजेंसियों ने चीनी सैनिक से गहन पूछताछ और पड़ताल के बाद सोमवार को उसे चीन को सौंप दिया।

पिछले साल भी एक चीनी सैनिक घुस आया था भारत

बीते चार महीने में चीनी सैनिक के एलएसी पार कर भारतीय सीमा में घुस आने की यह दूसरी घटना थी। इससे पहले गत वर्ष अक्टूबर में लद्दाख के ही चुमार-डेमचोक इलाके में एक चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुस आया था। चीन ने तब भी वांग या लांग नाम के इस सैनिक के भटककर गलती से भारतीय इलाके में चले जाने की बात कही थी और भारतीय सेना ने पूछताछ के बाद इस सैनिक को भी रिहा करते हुए चीन को सौंप दिया था।


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