लद्दाख में घुसपैठ: पीछे हटी चीन की सेना
तीन हफ्ते पहले लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी [डीबीओ] सेक्टर में घुस आई चीन की सेना को लेकर जारी तनाव समाप्त हो गया है। दोनों देशों के बीच घंटों चली उच्च स्तरीय वार्ता के बाद रविवार की शाम इस बात पर सहमति बनी कि दोनों देशों की सेनाएं उस क्षेत्र में आमने-सामने गाड़े गए तंबुओं को हटा लेंगी और एक साथ पीछे हटेंगी। इसके बाद शाम साढ़े सात बजे दोनों देशों की सेनाओं के स्थानीय कमांडरों ने सैनिकों के साथ पीछे हटने से पहले एक दूसरे से ह
लेह। तीन हफ्ते पहले लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी [डीबीओ] सेक्टर में घुस आई चीन की सेना को लेकर जारी तनाव समाप्त हो गया है। दोनों देशों के बीच घंटों चली उच्च स्तरीय वार्ता के बाद रविवार की शाम इस बात पर सहमति बनी कि दोनों देशों की सेनाएं उस क्षेत्र में आमने-सामने गाड़े गए तंबुओं को हटा लेंगी और एक साथ पीछे हटेंगी। इसके बाद शाम साढ़े सात बजे दोनों देशों की सेनाओं के स्थानीय कमांडरों ने सैनिकों के साथ पीछे हटने से पहले एक दूसरे से हाथ भी मिलाए।
चीन की सेना गत 15 अप्रैल को भारत की वास्तविक नियंत्रण रेखा [एलएसी] के 19 किलोमीटर अंदर तक घुस आई थी और पांच तंबू गाड़ दी थी। वहां करीब 50 सैनिकों के अलावा सेना के वाहन और कुत्ते भी थे। उल्लेखनीय है कि चीन इस घुसपैठ के बाद भारतीय सेना ने भी चीन के तंबुओं से करीब 300 मीटर दूर उसके सामने अपने तंबू गाड़ दिए थे। समझौता में तय यह हुआ कि दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटेंगी। इससे पहलें दोनों देशों की सेनाओं के बीच शनिवार को चौथी फ्लैग मीटिंग भी नाकाम हो गई थी। चुशूल में शनिवार को हुई उस बैठक का नेतृत्व ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारियों ने किया था। वह बैठक करीब 45 मिनट तक चली थी लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला था। केवल इस बात पर सहमति बनी थी बातचीत जारी रखी जाएगी।
इसके साथ इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए उच्च स्तर पर कूटनीतिक प्रयास भी जारी रहे। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या चीन पूरी तरह से वास्तविक नियंत्रण रेखा के पीछे चली जाएगी और 15 अप्रैल के पहले वाली स्थिति बहाल हो जाएगी या नहीं।
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