बढ़ रही हैं चीन की गुस्ताखियां, कूटनीतिक व सैन्य वार्ताओं से नहीं निकल रहा है कोई हल
चीन के नई दिल्ली में राजदूत सुन वीडोंग ने जहां विवाद को सुलझाने की जिम्मेदारी भारत पर डालने की बात कही है।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में चीनी फौज के दुस्साहसपूर्ण घुसपैठ किये हुए पूरे 101 दिन हो चुके हैं। एक तरफ सैन्य तनाव दूर करने के लिए भारत व चीन के बीच कूटनीतिक व सैन्य स्तर पर अभी तक हुई वार्ताओं का कोई नतीजा नहीं निकला है। दूसरी तरफ चीन की गुस्ताखियां बढ़ती जा रही हैं। चीन के नई दिल्ली में राजदूत सुन वीडोंग ने जहां विवाद को सुलझाने की जिम्मेदारी भारत पर डालने की बात कही है वहीं चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने कश्मीर मुद्दे पर भारत का पक्ष भी छापने से मना कर दिया है।
चीन की मानसिकता का पता नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास की तरफ से बुधवार को प्रकाशित पत्रिका से चलता है। इसमें चीनी राजदूत सुन वीडोंग की तरफ से दो आलेख प्रकाशित हैं। शुरुआती आलेख में उन्होंने भारत व चीन के बीच मौजूदा तनाव को दूर करने और रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने के लिए पांच सुझाव दिए हैं। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी व राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बनी सहमति के मुताबिक रिश्तों को आगे बढ़ाने, टकराव छोड़ कर सहयोग करने, आर्थिक प्रतिद्वंदिता नहीं करने बल्कि आर्थिक सहयोग स्थापित करने, एक दूसरे के अंदरुनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने और द्विपक्षीय रिश्तों के भविष्य के सकारात्मक पहलुओं को देखते हुए आगे बढ़ने की बात कही है।
15 जून को दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई खूनी झड़प
जबकि एक दूसरे आलेख में उन्होंने मौजूदा सैन्य तनाव का ठीकरा पूरी तरह से भारत पर फोड़ा हैं और यहां तक कहा है कि, ''अगर गौर से देखा जाए तो लद्दाख सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति स्थापित करने की जिम्मेदारी चीन की नहीं है। भारतीय सेना ने एलएसी क्रास किया और चीनी नागरिकों पर हमला किया।'' इसमें 6 जून को दोनो देशों के बीच कमांडर स्तर पर हुई बातचीत और उसके बाद 15 जून को दोनो सेनाओं के बीच हुई खूनी भिड़ंत का उल्लेख इस तरह से किया गया है जिसमें पूरा दोष भारतीय पक्ष पर दिया गया है। पत्रिका में लिखा गया है कि, 15 जून की शाम को भारतीय सेना ने अचानक ही चीनी सैनिकों पर हमला किया। जिसकी वजह से द्वंद हुआ और दोनो तरफ मौतें हुई। हालांकि अंत में यह भी कहा गया है कि एलएसी पर अब स्थिति सुधर रही है व दोनो पक्ष शांति बहाली में सक्षम है।
तथ्यहीन व झूठ से भरे हुए आंकड़े
उधर, बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने गुरुवार एक विस्तृत विज्ञप्ति जारी कर चीनी सरकार की मानसिकता को सामने लाने का काम किया है। चीनी सरकार के मुख पत्र ग्लोबल टाइम्स ने 07 अगस्त को अपने अंक में बीजिंग में पाकिस्तान के राजदूत मोइन-उल-हक की तरफ से जम्मू व कश्मीर के हालात पर एक आलेख प्रकाशित किया है। इसमें जो आंकड़े दिए गए हैं वो भारत सरकार के मुताबिक पूरी तरह से तथ्यहीन व झूठ से भरे हुए हैं। भारतीय दूतावास की तरफ से कोशिश की गई थी कि ग्लोबल टाइम्स भारत का पक्ष भी प्रकाशित करे। लेकिन ग्लोबल टाइम्स ने इससे इनकार कर दिया। भारतीय दूतावास ने अपनी विज्ञप्ति में कहा है कि, पाकिस्तानी राजदूत ने जो कहा है वह सच्चाई को छिपा नहीं सकती है कि जम्मू व कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद राज्य में कितनी प्रगति हुई है। इस आलेख की बात छोड़ भी दें तो ग्लोबल टाईम्स रोजाना भारत-चीन सीमा विवाद पर कोई न कोई आलेख प्रकाशित कर रहा है जिसमें एक तरफ तो भारत पर सैन्य विवाद भड़काने का आरोप लगाया जाता है तो दूसरी तरफ चीन के साथ सहयोग के बड़े फायदे गिनाये जाते हैं।