चीन के तेवर में नरमी, डोभाल की यात्रा से विवाद सुलझने की बढ़ी उम्मीद
डोकलाम में सड़क बनाने को लेकर भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं। डोभाल अपने चीनी समकक्ष और स्टेट काउंसलर यांग जेईची से भी मुलाकात करेंगे।
बीजिंग, प्रेट्र। भारत के खिलाफ हमलावर चीन की सरकारी मीडिया के सुर में कुछ नरमी आई है। कल तक युद्ध की धमकी दे रहे चीनी विशेषज्ञों ने भारत के सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल की चीन यात्रा से मौजूदा विवाद के सुलझने की उम्मीद जताई है। डोभाल ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के एनएसए की बैठक में हिस्सा लेने के लिए 27-28 जुलाई को चीन में रहेंगे।
डोकलाम में सड़क बनाने को लेकर भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं। डोभाल अपने चीनी समकक्ष और स्टेट काउंसलर यांग जेईची से भी मुलाकात करेंगे। इसमें मौजूदा विवाद पर चर्चा होने और समाधान निकलने की उम्मीद जताई जा रही है। भारत और चीन ने सीमा विवाद सुलझाने के लिए डोभाल और यांग को विशेष प्रतिनिधि भी नियुक्त किया है। दोनों के बीच अब तक 19 दौर की वार्ता हो चुकी है। दोनों शीर्ष अधिकारियों के बीच संभावित मुलाकात पर चीनी मीडिया ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
सरकारी समाचारपत्र द ग्लोबल टाइम्स में चाइना रिफॉर्म फोरम नामक थिंक टैंक में रिसर्च फेलो मा जिलाई ने लिखा कि यह दोनों देशों के लिए तनाव कम करने का बेहतर मौका है। उन्होंने लिखा, 'चीन डोभाल के समक्ष इस उम्मीद के साथ अपनी बात रख सकता है कि भारत तनाव कम करने के लिए कदम उठाएगा। सौदेबाजी के तहत भारत सैन्य वापसी के लिए कुछ आग्रह कर सकता है।' हालांकि, जिलाई ने वार्ता विफल होने को लेकर आगाह भी किया है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में भारत-चीन संबंधों को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है।
चीनी अधिकारियों ने बताया कि सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में जारी विवाद पर चर्चा के लिए डोभाल और यांग अनौपचारिक मुलाकात भी कर सकते हैं। एनएसए की बैठक के बाद सितंबर में पांचों देशों के राष्ट्राध्यक्ष चीनी शहर शियामेन में जुटेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इसमें हिस्सा लेने की उम्मीद है।
सीधी वार्ता से तनाव कम करें भारत-चीन : अमेरिका
वाशिंगटन, प्रेट्र : भारत और चीन के बीच सैन्य तनाव से अमेरिका की चिंताएं भी बढ़ गई हैं। अमेरिकी रक्षा विभाग ने तनाव कम करने के लिए दोनों पक्षों को सीधी बातचीत करने की सलाह दी है। रक्षा विभाग के प्रवक्ता गैरी रॉस ने कहा, 'अमेरिका तनाव करने के लिए भारत और चीन को सीधी वार्ता के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, ताकि सैन्य प्रयोग से बचा जा सके।' मालूम हो कि तकरीबन सभी पड़ोसी देश चीन पर सीमा के पास बल प्रयोग का आरोप लगा रहे हैं।
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