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चीन ने पूर्वी लद्दाख में तैनात किए पांच मिलीशिया दस्ते, युद्ध की स्थिति में होती है तैनाती

मिलीशिया दस्ते का आमतौर पर युद्ध की स्थिति में इनकी तैनाती की जाती है और पीएलए को सैन्य मदद पहुंचाना इनका काम होता है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 07:30 AM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 07:30 AM (IST)
चीन ने पूर्वी लद्दाख में तैनात किए पांच मिलीशिया दस्ते, युद्ध की स्थिति में होती है तैनाती
चीन ने पूर्वी लद्दाख में तैनात किए पांच मिलीशिया दस्ते, युद्ध की स्थिति में होती है तैनाती

नई दिल्ली, आइएएनएस। चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के नजदीक पांच मिलीशिया दस्ते तैनात किए हैं। मिलीशिया चीन की सेना यानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का रिजर्व दस्ता है। आमतौर पर युद्ध की स्थिति में इनकी तैनाती की जाती है और पीएलए को सैन्य मदद पहुंचाना इनका काम होता है।

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एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि चीन का यह विशेष दस्ता स्वतंत्र रूप से काम करता है। इसमें पहाड़ पर चढ़ाई करने वाले, बॉक्सर, स्थानीय फाइट क्लब के सदस्य और अन्य लोगों को शामिल किया जाता है। ज्यादातर सदस्य आम जनता के बीच से ही होते हैं। सूत्रों का कहना है कि इन दस्तों की तैनाती के बाद चीन ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिशें बढ़ा दीं।

बता दें कि पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर 29-30 की दरम्यानी रात और 31 अगस्त की रात चीनी सेना की ओर से घुसपैठ की कोशिश के कारण बढ़े तनाव पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत बातचीत से सभी विवादों का हल निकालने के लिए प्रतिबद्ध है।

एलएसी पर जारी सैन्य तनातनी के लिए चीन की चालबाजियों को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कहा कि एलएसी पर जमीनी हालात बदलने की चीन की एकतरफा कोशिश ने तनाव बढ़ाया है। मंत्रालय ने पड़ोसी देश को दो टूक नसीहत देते हुए कहा है कि बातचीत और समझौते से ही गतिरोध का हल संभव है।

इस बीच, पैंगोंग झील के इलाके में बीते पांच दिनों से गहराए सैन्य तनाव का जायजा लेने के लिए सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने गुरुवार को दो दिन के लद्दाख दौरे पर पहुंचे। वहीं, ताजा गतिरोध का हल तलाशने के लिए दोनों देशों के बीच ब्रिगेडियर स्तर की वार्ता लगातार पांचवें दिन भी चली।


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