डोकलाम के बाद अब चीन को अरुणाचल में आपत्ति, सेना ने भी दिया जवाब
रणनीतिक रूप से काफी संवेदनशील अरुणाचल के आसफिला इलाके में बीते महीने भारतीय जवानों की पेट्रोलिंग पर चीनी सेना ने आपत्ति जताई थी।
किबिथू, प्रेट्र। डोकलाम के बाद अब अरुणाचल प्रदेश में भारत और चीन के बीच विवाद की स्थिति बन सकती है। रणनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील अरुणाचल प्रदेश के आसफिला क्षेत्र में भारतीय सेना की पेट्रोलिंग को चीन ने अतिक्रमण करार दिया है और इस पर आपत्ति जताई है। हालांकि, भारतीय सेना ने चीन की इन आपत्तियों को खारिज कर दिया है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, बीते 15 मार्च को 'बॉर्डर पर्सनेल मीटिंग' के दौरान चीनी पक्ष की ओर से यह बात उठाई गई थी, जिसे भारतीय सेना ने खारिज कर दिया। भारतीय सेना ने कहा कि यह इलाका अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबानसिरी जिले में है और भारतीय सैनिक अक्सर यहां पेट्रोलिंग करते रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि आसफिला में पट्रोलिंग का चीन की ओर से विरोध किया जाना आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा कि उलटे चीनी सैनिक इस इलाके में अकसर घुसपैठ करते रहते हैं, और भारतीय सेना ने इसे गंभीरता से लिया है।
उल्लेखनीय है कि अरुणाचल में वास्तविक सीमा रेखा को लेकर चीन और भारत के अलग-अलग दावे हैं। यहां तक कि अरुणाचल के तवांग इलाके के बड़े हिस्से पर चीन अपना दावा जताता रहा है। बैठक के दौरान चीनी सेना के प्रतिनिधिमंडल ने आसफिला में भारतीय सैनिकों की सघन पेट्रोलिंग का विरोध करते हुए कहा कि इससे दोनों पक्षों के बीच तनाव में इजाफा हो सकता है। सूत्रों ने कहा कि चीनी सेना ने विशेष तौर पर आसफिला सेक्टर में 21, 22 और 23 दिसंबर को हुई पेट्रोलिंग को लेकर आपत्ति जताई। इसके बाद चीन और भारत के सैनिकों ने तनाव की स्थिति से निपटने के लिए मीटिंग बुलाई। चीन और भारत के बीच पांच बॉर्डर पर्सनेल मीटिंग पॉइंट हैं- अरुणाचल प्रदेश में बम ला और किबिथू, लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी और चुशुल और सिक्किम में नाथु ला।