बच्चे लेंगे पर्यावरण बचाने की शपथ
वन विभाग की योजना के अनुसार हर सरकारी स्कूल में 40 पौधे लगवाए जाएंगे। मंशा यह है कि बच्चे इनको लगाएं और इनके रखरखाव के प्रति संवेदनशील बनें।
राज्य ब्यूरो (लखनऊ)। वन महोत्सव से स्कूली बच्चों को जोड़ने के लिए सरकार ने कार्ययोजना तैयार की है। पांच जुलाई को स्कूलों में विशेष अभियान चलाकर बच्चों को पर्यावरण के महत्व, इसमें उनकी भूमिका को बताते हुए पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई जाएगी। साथ ही उनसे पौधे भी लगवाए जाएंगे। वन विभाग की योजना के अनुसार हर सरकारी स्कूल में 40 पौधे लगवाए जाएंगे। मंशा यह है कि बच्चे इनको लगाएं और इनके रखरखाव के प्रति संवेदनशील बनें। प्रदेश में सिर्फ परिषदीय स्कूलों की संख्या ही करीब एक लाख 59 हजार है। इनमें करीब एक करोड़ 52 लाख बच्चे पढ़ते हैं। ऐसे में अगर सिर्फ इन्हीं स्कूलों में पौधरोपण का अभियान सफल हो और बच्चों में संदेश चला जाए तो खुद में यह बड़ी सफलता है।
निजी क्षेत्र के बाकी स्कूलों ने भी पहल की तो रोपे जाने वाले पौधों की संख्या और संदेश का दायरा और बढ़ जाएगा। फिलहाल जागरूकता के कार्यक्रमों के जरिये पौधरोपण को जनांदोलन बनाने के पीछ सरकार की मंशा यही है। यही वजह है कि विभाग वन महोत्सव (जुलाई के पहले हफ्ते) के दौरान जगह-जगह प्रभात फेरियां निकालकर और गोष्ठियों के जरिये लोगों को जागरूक करेगा। मालूम हो कि वन महोत्सव के आयोजन के 67 साल हो गए। इस दौरान पौधरोपण की संख्या के अनुसार वन क्षेत्र के रकबे और हरियाली के दायरे में अपेक्षित वृद्धि नहीं हुई। बढ़ती आबादी और अन्य जरूरतों के लिए जंगलों के साथ बाग-बगीचे भी कटते गए।
उप्र में तो वन क्षेत्र का रकबा महज आठ फीसद है। सरकार का लक्ष्य इसे बढ़ाकर 15 फीसद करना है। ऐसे में बिना लोगों को जोड़े हरियाली का दायरा बढ़ने से रहा। इसके लिए इस बार इस पूरे अभियान को अपनी परंपरा और धर्म से भी जोड़ा गया है। पंचवटी, नवग्रह वाटिका, नक्षत्र वाटिका और यादगार दिनों के अवसर के लिए स्मृति वाटिका के प्रोत्साहन के पीछे सरकार की यही मंशा है।
-पांच जुलाई को स्कूलों में चलेगा पौधरोपण अभियान
-हर स्कूल में लगाए जाएंगे 40 पौधे
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