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ऑनलाइन पढ़ाई को बताकर 16 घंटे तक मोबाइल चला रहे बच्चे, समझाने पर देते हैं घर से भागने की धमकी

नशे से बड़ी आदत बनी बच्चों में मोबाइल या इंटरनेट की लत नशे की आदत से भी बड़ी समस्या बन गई है। डॉक्टरों के लिए भी यह चिंता का विषय बन गया है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 22 Jun 2020 09:52 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jun 2020 10:01 PM (IST)
ऑनलाइन पढ़ाई को बताकर 16 घंटे तक मोबाइल चला रहे बच्चे, समझाने पर देते हैं घर से भागने की धमकी
ऑनलाइन पढ़ाई को बताकर 16 घंटे तक मोबाइल चला रहे बच्चे, समझाने पर देते हैं घर से भागने की धमकी

भोपाल, जेएनएन। देश में लॉकडाउन के दौरान स्कूल बंद होने के कारण ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर दिया गया। इसका नतीजा अब अभिभावकों को भुगतना पड़ रहा है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के मनोचिकित्सकों के पास तीन माह से बच्चों में मोबाइल व इंटरनेट की लत के दोगुने मामले आ रहे हैं। इसमें 12 से 17 साल के बच्चों के केस अधिक हैं। जहां पहले ऐसे केस एक माह में करीब 20 से 25 केस आते थे, वहीं अब बढ़कर करीब 40 से 50 हो गए हैं।

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मनोचिकित्सकों का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई का बहाना बनाकर बच्चे 16-16 घंटे मोबाइल चला रहे हैं। अभिभावकों को बच्चों से मोबाइल की लत छुड़ाना मुश्किल हो रहा है। ज्यादा सख्ती करने पर बच्चे अभिभावकों को खुद को नुकसान पहुंचाने और घर से भागने की धमकी तक दे रहे हैं। नशे से बड़ी आदत बनी बच्चों में मोबाइल या इंटरनेट की लत नशे की आदत से भी बड़ी समस्या बन गई है। डॉक्टरों के लिए भी यह चिंता का विषय बन गया है।

मोबाइल और लैपटॉप के प्रयोग से बच्चे अकेलेपन की तरफ जा रहे

जेपी अस्पताल के मनोचिकित्सक का कहना है कि मोबाइल, लैपटॉप या कम्प्यूटर के अधिक प्रयोग से बच्चे अकेलेपन की तरफ जा रहे हैं। वे वास्तविकता और काल्पनिकता में सामंजस्य स्थापित नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए वे कई तरह के अपराध भी करने लगते हैं। बच्चों को काल्पनिक दुनिया अच्छी लगने लगती है और इसलिए वे इंटरनेट पर ज्यादा एक्टिव होने लगे हैं। इससे बच्चों के व्यवहार में बदलाव आने लगा है। वहीं, शारीरिक समस्याओं में ब्लड शुगर, वजन का बढ़ना, चिड़चिड़ापन व गुस्सैल प्रवृत्ति के हो रहे हैं। 

केस-1 एक अभिभावक दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले अपने बेटे को लेकर मनोचिकित्सक के पास गए। उन्होंने बताया कि उनका बेटा 16 घंटे मोबाइल चलाता है। उसे डांटने पर वह घर से भागने और खुद को नुकसान पहुंचाने की धमकी देता है।

केस-2 एक अभिभावक अपनी 16 वर्षीय बेटी को लेकर मनोचिकित्सक के पास गए। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई का बहाना कर बेटी मोबाइल लेकर कमरे में बंद हो जाती है। ऐसा तीन माह से कर रही है। अब उसके व्यवहार में बदलाव भी देखने को मिल रहा है।

मनोचिकित्सक डॉ. प्रीतेश गौतम ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई का चलन बढ़ने से बच्चों में मोबाइल व इंटरनेट की लत के मामले बढ़े हैं। तीन माह में ऐसे केस दोगुने हुए हैं। वहीं, मेडिकल या इंजीनियरिंग की तैयारी करने वाले बच्चों में भय, चिंता व अवसाद के मामले बढ़ रहे हैं।

चिकित्सा वैज्ञानिक डॉ. राहुल शर्मा ने बताया कि बच्चे 12 से 16 घंटे तक मोबाइल चला रहे हैं। इससे उन्हें सोशल मीडिया की लत पड़ती जा रही है। इस कारण उनमें शारीरिक, मानसिक, सामाजिक व भावनात्मक समस्याएं सामने आ रही हैं।

कैसे पहचानें

 - भूख और नींद न आना।

- अकेले रहना और किसी से बात नहीं करना।

- सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव रहना।

- बच्चों में चिड़चिड़ापन, गुस्सा, एकाग्रता में कमी का होना।

- वजन व ब्लड शुगर का लेवल बढ़ना।

- खुद को नुकसान पहुंचाने की धमकी देना।

अभिभावक क्या करें

- बच्चों को अकेला न छोड़ें।

- उनके साथ समय बिताएं।

- आउडडोर गेम्स के फायदे बताएं।

- बच्चों से दोस्तों जैसा व्यवहार करें।

- उनकी कमियों पर बात न कर खूबियों पर बात करें।

- ऑनलाइन पढ़ाई अपनी निगरानी में कराएं।

- गैजेट्स के उपयोग की व्यवहारिकता बताएं।


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