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जब बच्ची ने कहा- मंत्री के बंगले में पोछा लगाती हूं, इसलिए स्कूल नहीं जाती

बाल आयोग के अध्यक्ष डॉ. राघवेन्द्र ने बताया कि बाल श्रम के विरोध में 5 हजार संस्थाएं काम कर रही हैं। इसके बावजूद यह समस्या बनी हुई है।

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 13 Jun 2017 09:32 AM (IST)Updated: Tue, 13 Jun 2017 02:25 PM (IST)
जब बच्ची ने कहा- मंत्री के बंगले में पोछा लगाती हूं, इसलिए स्कूल नहीं जाती
जब बच्ची ने कहा- मंत्री के बंगले में पोछा लगाती हूं, इसलिए स्कूल नहीं जाती

भोपाल, नईदुनिया। अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम विरोध दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में 11 साल की बच्ची ने अपनी बात से सबको चौंका दिया। शिक्षा एवं श्रम राज्यमंत्री दीपक जोशी के सामने बच्ची ने कहा, 'मैं मंत्री के बंगले पर पोछा लगाती हूं। इसलिए स्कूल नहीं जाती।' मंत्री का नाम पूछने पर वह चुप हो गई। इसके बाद जोशी ने वहां मौजूद बच्चों से पूछा कि कितने बच्चों के पिता शराब पीते हैं, सभी ने हाथ उठा दिए। कार्यक्रम में दीपक जोशी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। बाल श्रम से जुड़े कुछ बच्चों ने जब मंत्री को अपने अनुभव सुनाए तो वे चौंक गए।

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पॉलीटेक्निक और इंजीनियरिंग के छात्रों से सरकार कराएगी जासूसी

जोशी ने एलान किया कि बाल श्रमिकों की खोजबीन के लिए सरकार अब इंजीनियरिंग, पॉलीटेक्निक कॉलेज एवं हायर सेकंडरी स्कूल के छात्रों से जासूसी कराएगी। हर जिले में होने वाले सर्वे की रिपोर्ट श्रम विभाग को सौंपी जाएगी। छात्र यह जानकारी छुट्टी के दिन जुटाएंगे और उनकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी। जांच के बाद नियोक्ताओं पर कार्रवाई भी होगी। उन्होंने कहा कि बचपन बचाने के लिए सरकार और समाज को मिलकर कार्य करना होगा।

बच्चों ने दिए सुझाव

बच्चों ने अनुभव सुनाए और शिक्षा के अधिकार कानून का लाभ 18 साल तक के बच्चों को देने का सुझाव दिया। अभी यह 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए है। वहीं, बाल आयोग के अध्यक्ष डॉ. राघवेन्द्र ने बताया कि बाल श्रम के विरोध में 5 हजार संस्थाएं काम कर रही हैं। इसके बावजूद यह समस्या बनी हुई है। बच्चों को पढ़ाई और अच्छा माहौल देने की पहली जिम्मेदारी माता-पिता की है।

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