Move to Jagran APP

सोशल मीडिया से हटानी ही होगी बाल यौन हिंसा संबंधी सामग्री

नियम तैयार कर रही है सरकार। आतंकवाद को प्रोत्साहन देने वाली सामग्री हटाना भी अनिवार्य बनाया जाएगा।

By Nitin AroraEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 08:57 AM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 09:05 AM (IST)
सोशल मीडिया से हटानी ही होगी बाल यौन हिंसा संबंधी सामग्री
सोशल मीडिया से हटानी ही होगी बाल यौन हिंसा संबंधी सामग्री

नई दिल्ली, प्रेट्र। सरकार ने कहा है कि वह ऐसे नियम तैयार करने में जुटी है जिसके तहत सोशल मीडिया कंपनियों के लिए बाल यौन ¨हसा और आतंकवाद को प्रोत्साहन देने वाली सामग्री को हटाना अनिवार्य बनाया जाएगा। निजता को प्रभावित किए बगैर कंपनियां ऐसी सामग्री हटाएंगी।

loksabha election banner

सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि सरकार ने मध्यवर्ती नियम 2011 में संशोधन के अपने मसौदे पर लोगों से राय मांगे हैं। इसपर सार्वजनिक इनपुट भी लिए हैं।

प्रसाद ने कहा, 'अन्य बातों के अलावा संशोधन में प्रस्ताव है कि मध्यवर्ती संस्थाएं सक्रियता से बाल यौन ¨हसा सामग्री, दुष्कर्म-सामूहिक दुष्कर्म के काल्पनिक चित्र और आतंकवाद को प्रोत्साहित करने वाली सामग्री की पहचान करें और तकनीक आधारित टूल और तंत्र का इस्तेमाल करते हुए उसे हटाएं। इस काम में सटीकता या निजता के साथ समझौता नहीं करें। नियम को अभी अंतिम रूप दिया जा रहा है।'

उन्होंने कहा कि सूचना तकनीक (आइटी) अधिनियम 2000 में आपत्तिजनक ऑनलाइन सामग्री को हटाने के लिए पर्याप्त प्रावधान है। अधिनियम में सोशल मीडिया प्लेटफार्म को मध्यवर्ती के रूप में परिभाषित किया गया है।

प्रसाद ने कहा कि आइटी अधिनियम 2000 सरकार को किसी भी सूचना की उत्पत्ति, प्रसारण, प्राप्ति, संग्रह को रोकने का अधिकार प्रदान करता है। यह अधिकार देश की संप्रभुता और एकता के हित में, देश की रक्षा, राज्य की सुरक्षा, पड़ोसी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों, कानून व्यवस्था बनाए रखने या संज्ञेय अपराध होने से रोकने के लिए है।

इंटरनेट पर पोर्नोग्राफी सामग्री मुद्दे का अध्ययन करेगी अनौपचारिक समिति

राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने घोषणा की कि 14 सदस्यीय अनौपचारिक समिति इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोर्नोग्राफी सामग्री संबंधी मुद्दे का अध्ययन करेगी। कांग्रेस के नेता जयराम रमेश इस समूह के समन्वयक होंगे। सभापति ने कहा कि एक महीने में समिति अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी।

पिछले सप्ताह शून्यकाल में कई सदस्यों के चिंता जताने के बाद नायडू ने समिति गठित की है। सदस्यों ने इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोर्नोग्राफी सामग्री से बच्चे किस तरह प्रभावित हो रहे हैं इसे लेकर चिंता जताई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.