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ठोस कचरे के निपटान में छत्तीसगढ़ और तेलंगाना आगे, जानिए किस पायदान पर है आपका राज्य?

भारत में सालाना 8.22 करोड़ मीट्रिक टन ठोस कचरा निकलता है जबकि राजधानी दिल्ली से सालाना 38.32 लाख मीट्रिक टन कचरा निकलता है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 06:47 PM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 06:47 PM (IST)
ठोस कचरे के निपटान में छत्तीसगढ़ और तेलंगाना आगे, जानिए किस पायदान पर है आपका राज्य?
ठोस कचरे के निपटान में छत्तीसगढ़ और तेलंगाना आगे, जानिए किस पायदान पर है आपका राज्य?

नई दिल्ली, जेएनएन। भारत के किसी भी हिस्से में चले जाएं, शहरी इलाके में दाखिल होते ही कचरे के पहाड़ (डंपिंग ग्राउंड) दिखाई पड़ जाते हैं। यह स्थिति सिर्फ भारत की ही नहीं दुनिया के तमाम देशों में है। मौजूदा समय में दुनिया के तकरीबन सभी देश ठोस कचरा प्रबंधन की समस्या से जूझ रहे हैं। विकासशील देशों में यह स्थिति ज्यादा भयावह इसलिए होती जा रही है, क्योंकि कचरा निपटान की तकनीक प्रभावशाली ढंग से काम नहीं कर रही है।

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भारत में प्रयासों के मिल रहे सकारात्मक नतीजे
भारत में ठोस कचरे के निपटान के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि स्थिति पूरी तरह से भले ही दुरुस्त नहीं हो सकी है, लेकिन कुछ राज्यों ने इस दिशा में बेहद सकारात्मक परिणाम दिए हैं। छत्तीसगढ़ और तेलंगाना ने इस दिशा में अद्भुद प्रदर्शन किया है।

कचरे का 85 फीसद तक निपटान कर रहा छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में प्रति वर्ष तकरीबन 601,885 मीट्रिक टन कचरा उत्पन्न होता है। प्रदेश इस कचरे का 85 फीसद तक निपटान करने में संभव है। वहीं, तेलंगाना में प्रति वर्ष 2,690,415 मीट्रिक टन ठोस कचरा निकलता है और यहां पर 73 फीसद तक कचरे का निपटान कर लिया जाता है। पिछले दिनों लोकसभा सत्र के दौरान पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्रालय ने एक सवाल के जवाब में यह जानकारी उपलब्ध कराई है।

बंगाल और जम्मू-कश्मीर फिसड्डी
बड़े राज्यों की बात करें तो पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर ही ऐसे राज्य हैं जहां सबसे कम निपटान किया जाता है। ये प्रदेश अपने यहां निकले ठोस कचरे का सिर्फ पांच और आठ फीसद ही निपटान करते हैं।

महाराष्ट्र में निकलता है सबसे ज्यादा ठोस कचरा
सबसे ज्यादा ठोस कचरा महाराष्ट्र में निकलता है। यहां प्रति वर्ष निकलने वाले 8,22,38,050 मीट्रिक टन ठोस कचरे का 44 फीसद निपटान किया जाता है। इसके बाद दिल्ली में 38,32,500, गुजरात में 37,02,925 और कर्नाटक में 36,50,000 मीट्रिक टन प्रतिवर्ष ठोस कचरा निकलता है। दिल्ली में 55, गुजरात में 57 और कर्नाटक में 32 फीसद तक कचरे का निपटान होता है।

नवंबर 2018 तक ठोस कचरे के निपटान में आगे
- छत्तीसगढ़ 84 प्रतिशत
- तेलंगाना 73 प्रतिशत
- मध्य प्रदेश 65 प्रतिशत
- केरल 60 प्रतिशत
- उप्र और गुजरात 57 प्रतिशत

ठोस कचरे के निपटान में फिसड्डी राज्य
- बंगाल 5 प्रतिशत
- जम्मू-कश्मीर 8 प्रतिशत
- ओडिशा 12 प्रतिशत
- हरियाणा 17 प्रतिशत
- आंध्र प्रदेश 29 प्रतिशत

2016-17 में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में रोजाना तकरीबन 1,50,000 मीट्रिक टन कचरा निकलता है, जिसका 90 फीसद (1,35,000) इकट्ठा किया जाता है। एकत्रित कचरे में 20 फीसद (27,000 मीट्रिक टन) का निपटान किया जाता है, जबकि शेष 80 फीसद (10,8000 मीट्रिक टन) डंप साइटों पर चला जाता है। 2016-17 की रिपोर्ट के अनुसार 71.7 लाख टन खतरनाक अपशिष्ट का उत्पादन किया गया था, जिसमें से 36.8 लाख टन (49.46 फीसद) को रिसाइकिल किया गया।


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