Chhattisgarh: ट्रिपल मर्डर के दोषी को पहले सुनाई गई फांसी की सजा, अब होगी उम्रकैद; पढ़ें- पूरा मामल
पहले 2013 में बिलासपुर कोर्ट ने मनोज सूर्यवंशी को फांसी की सजा सुनाई थी जिसे अब सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने उम्रकैद में बदल दिया है।
रायपुर, एएनआइ। छत्तीसगढ़ के ट्रिपल मर्डर केस के दोषी मनोज सूर्यवंशी की फांसी की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद में रूपान्तरित कर दिया है। बता दें कि फरवरी 2011 में मनोज सूर्यवंशी ने तीन बच्चों की हत्या कर दी थी। इस मामले में पहले 2013 में बिलासपुर कोर्ट ने मनोज सूर्यवंशी को फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने उम्रकैद में बदल दिया है। इसमें जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस एमआर शाह शामिल हैं।
बता दें कि 11 फरवरी 2011 को दोषी ने शिवलाल धीरवर के तीन बच्चों की हत्या कर दी थी। मनोज सूर्यवंशी उनके घर में मजदूर के तौर पर काम करता था और उसने अपने शक के चलते ये हत्याएं की थी। दरअसल मनोज की पत्नी सुमृत बाई गायब हो गई थी और उसको शक था कि वह शिवलाल धीरवर के छोटे भाई के साथ भाग गई है। इसी शक में बदला लेने के चलते उसने तीनों बच्चों कौ मौत के घाट उतार दिया था।
बिलासपुर कोर्ट ने 5 मई, 2013 को मनोज को हत्या करने और लाशों को छुपाने के जुर्म में फांसी की सजा सुनाई थी। जिसके बाद छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने भी बिलासपुर कोर्ट के फैसले को सही ठहराया था। इसके बाद एक विशेष याचिका सुप्रीम कोर्ट में 09 सितंबर, 2013 को फाइल की गई।