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Chhattisgarh Panchayat Election Results 2020: छत्तीसगढ़ के बस्तर में 15 सालों में पहली बार होंगे पंचायत चुनाव

Chhattisgarh Panchayat election 2020 छत्तीसगढ़ के बस्तर में 15 सालों में पहली बार पंचायत चुनाव का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए तारीखों का भी एलान कर दिया गया है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 01:06 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jan 2020 06:37 PM (IST)
Chhattisgarh Panchayat Election Results 2020: छत्तीसगढ़ के बस्तर में 15 सालों में पहली बार होंगे पंचायत चुनाव
Chhattisgarh Panchayat Election Results 2020: छत्तीसगढ़ के बस्तर में 15 सालों में पहली बार होंगे पंचायत चुनाव

रायपुर, पीटीआइ। छत्तीसगढ़ के बस्तर में 15 सालों में पहली बार पंचायत चुनाव का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए तारीखों का भी एलान कर दिया गया है। यह चुनाव तीन चरणों में आयोजित होगा। पहले चरण का चुनाव 28 जनवरी को होगा। इसका परिणाम भी शाम तक घोषित कर दिया जाएगा।

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गौरतलब है कि पिछले 15 सालों से छत्तीसगढ़ का बस्तर जिला माओवादियों के आतंक की चपेट में रहा है। इसके प्रभाव से निकाय चुनाव नहीं हो पाया। पिछले चुनाव में कई गांवों ने इस चुनाव में हिस्सा नहीं लिया था, लेकिन इस बार कई गांवों की भागीदारी बढ़ गई है।

पिछले पंद्रह सालों में पहली बार नामांकन दाखिल करने वाले साक्षी रहे दंतेवाड़ा जिले के बडे गुदरा, छोटा गुदरा, बडगड्डम, तेलम और टेकम ग्राम पंचायतों के साथ कई गांव इस बार चुनावी प्रक्रिया में शामिल हुए हैं। दंतेवाड़ा माओवादी समस्या से प्रभावित जिलों में से एक है। इनमें से चार ग्राम पंचायतों में केवल एक उम्मीदवार ने सरपंच पद के लिए नामांकन दाखिल किया और इसलिए उन्हें निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया।

पहली बार उम्मीदवारों ने पंच, सरपंच, जनपद पंचायत और जिला पंचायत के लिए नामांकन दाखिल किया। बता दें कि पंचायत चुनाव के बहिष्कार को लेकर माओवादियों द्वारा कोई पैम्फलेट या वॉल पेंटिंग नहीं की गई है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लोग अब सरकार पर भरोसा कर रहे हैं और अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहते हैं। कुछ लोगों के कहना कि माओवादियों ने स्थानीय निकाय चुनावों में भाग लेने से रोका था। यह क्षेत्र सीपीआई (माओवादी) की मलंगीर क्षेत्र समिति के अंतर्गत आता है, जो इस क्षेत्र की सबसे मजबूत विद्रोही इकाइयों में से एक है।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जनवरी 2020 में जारी किए गए डाटा से पता चलता है कि राज्य में साल 2014 के मुकाबले 2019 में हिंसा कम हुई है। जारी किए गए आंकड़ों में बताया गया है कि साल 2018 की तुलना में 2019 में केवल 22 सुरक्षकर्मियों की मौत हुई है। बता दें कि साल 2018 में माओवादियों के हमले से कम से 58 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे।


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