Chhattisgarh: नक्सलियों के निशाने पर अधिकारी, दंतेवाड़ा में SDM दफ्तर की रेकी करने पहुंचा इनामी नक्सली
दंतेवाड़ा पुलिस को मोबाइल सर्विलेंस से पता चला था कि नक्सली अफसरों को टारगेट बनाने की फिराक में हैं। एसपी पल्लव द्वारा मुखबिर भी लगाए गए थे। हालांकि रेकी करने पहुंचे नक्सली की घेराबंदी भी की गई पर वह हाथ नहीं लगा।
राजपुर, जेएनएन। अब छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के निशाने पर प्रशासनिक अधिकारी आ गए हैं। दंतेवाड़ा जिले (दक्षिण बस्तर) में एक नक्सली एसडीएम दफ्तर की रेकी करने पहुंचा है। दंतेवाड़ा पुलिस ने हाल ही में एसडीएम दफ्तर की रेकी करने पहुंचे पांच लाख के इनामी नक्सली बुधरा की घेराबंदी की थी। हालांकि, नक्सली पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया, लेकिन उसका साथी टेटम गांव का सरपंच पुलिस के हत्थे चड़ गया। एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने बताया है कि टेटम के सरपंच से पूछताछ में कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं।
हालांकि, पूछताछ के बाद सरपंच को रिहा कर दिया गया है और इस घटना के बाद कलेक्टोरेट की सुरक्षा बढ़ा दी गई। वहीं, दफ्तर के अंदर जाने वालों पर ध्यान दिया जा रहा है। परिसर में सुरक्षाकर्मी बढ़ा दिए गए हैं। बता दें कि बस्तर में अब तक नक्सली फोर्स के जवानों, जनप्रतिनिधियों व आम नागरिकों को ही निशाना बनाते रहे हैं। 2011 में सुकमा कलेक्टर अलेक्स पॉल मेनन के अपहरण की घटना को छोड़ दें तो प्रशासनिक अफसरों पर हमले की कोई बड़ी घटना नहीं मिलती।
हाल ही में दंतेवाड़ा पुलिस को मोबाइल सर्विलेंस से पता चला था कि नक्सली अफसरों को टारगेट बनाने की फिराक में हैं। इसको लेकर एसपी पल्लव द्वारा मुखबिर भी लगाए गए थे। हालांकि, रेकी करने पहुंचे नक्सली की घेराबंदी भी की गई पर वह हाथ नहीं लगा। इस घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।
इसके अलावा बस्तर आईजी सुंदरराज पी दीपावली से ठीक पहले अति दुर्गम नक्सली इलाके पामेड़ में तैनात जवानों से मिलने पहुंचे। उनके साथ बीजापुर एसपी कमलोचन कश्यप भी रहे। पामेड़ बीजापुर का पुलिस थाना है पर यह इलाका इतना मुश्किल है कि वहां तक जाने के लिए तेलंगाना से होकर दुगनी दूरी तय करनी पड़ती है। बीजापुर पुलिस पामेड़ के चिंतावागु नदी पर पुल बनाने के लिए कैंप बना रही है। यह पुल बना तो बीजापुर जिले का पामेड़ से सीधा संपर्क हो जाएगा।