छत्तीसगढ़ के अस्पताल में भर्ती छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म, मामला दर्ज कर हो रही जांच
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर के नेहरू नगर स्थित एक अस्पताल की आइसीयू में भर्ती छात्रा के साथ दो वार्ड ब्वॉय ने सामूहिक दुष्कर्म किया।
बिलासपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर के नेहरू नगर स्थित श्रीराम केयर अस्पताल की आइसीयू में भर्ती बीए की छात्रा के साथ दो वार्ड ब्वॉय ने सामूहिक दुष्कर्म किया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इधर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने घटना को शर्मनाक बताते हुए जांच के आदेश दिए। शहर विधायक की पहल पर पीड़िता को अपोलो अस्पताल में शिफ्ट किया गया है।
बेटी ने पिता को कागज-पेन पर लिखकर आपबीती बताई
जानकारी के अनुसार शहर से सटे एक गांव की छात्रा ने घरेलू विवाद में किसी जहरीली दवा का सेवन कर लिया था। उसे 18 मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पीड़िता के पिता के अनुसार उन्हें आइसीयू से बाहर रहने को कहा गया था। 21-22 मई की दरम्यानी रात अस्पताल के दो वार्ड ब्वॉय ने उनकी बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। वह अपनी बेटी से मिलने पहुंचे तो वह बोल नहीं पा रही थी। इशारा कर उसने कागज और पेन मांगा। फिर अपनी आपबीती बताई।
दो वार्ड ब्वॉय के खिलाफ मुकदमा दर्ज
पीड़िता के पिता शिकायती पत्र लेकर थाने का चक्कर काटते रहे लेकिन प्रतिष्ठित अस्पताल से जुड़ा मामला होने से पुलिस टालती रही। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाया कि उनकी बेटी को जानबूझ कर ऐसी दवाएं दी गईं कि वह बोल भी नहीं पा रही है। मामला मीडिया में आने के बाद जब स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने जांच के आदेश दिए तो प्रशासनिक अमला सक्रिय हुआ। पुलिस ने दो अज्ञात वार्ड ब्वॉय के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है। रविवार सुबह क्षेत्रीय विधायक शैलेष पांडेय की पहल पर पीड़िता को अपोलो अस्पताल में शिफ्ट कराया गया। इस दौरान उसका चिकित्सीय परीक्षण भी किया गया।
तथ्यों की जांच कर रही पुलिस: सीएसपी
सिविल लाइन सीएसपी आरएन यादव ने कहा कि अपराध दर्ज जांच शुरू की गई है। अस्पताल प्रबंधन से जानकारी लेकर रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। सीसीटीवी फुटेज भी जब्त किया गया है। अभी छात्रा बयान देने की स्थिति में नहीं है। उसका बयान लेने के बाद आरोपितों की पहचान कराई जाएगी।
अस्पताल प्रबंधक ने घटना को नकारा
श्रीराम केयर हॉस्पिटल के संचालक डॉ.अमित सोनी ने घटना को नकारते हुए कहा कि मरीज को एट्रोपिन दवा दी जा रही थी, जो जहर के असर को कम करती है। इस दवाई के सेवन से मरीज के दिमाग पर प्रभाव पड़ता है। इसके चलते उसे विभिन्न् प्रकार के ख्याल आने की आशंका रहती है। आइसीयू में सात बेड हैं। कक्ष में 24 घंटे डॉक्टर के साथ ही चार स्टाफ नर्स व आया की ड्यूटी रहती है।