Move to Jagran APP

छत्‍तीसगढ़: खेती-किसानी में पुरुषों को पीछे छोड़ रहीं ये महिलाएं

यहां आमतौर पर पुरुष ही खेती-किसानी करते हैं। मगर यहां की महिलाओं ने खेती-किसानी के क्षेत्र में एक रिकॉर्ड कायम कर दिया है।

By Pratibha Kumari Edited By: Published: Sun, 15 Oct 2017 12:09 PM (IST)Updated: Sun, 15 Oct 2017 12:12 PM (IST)
छत्‍तीसगढ़: खेती-किसानी में पुरुषों को पीछे छोड़ रहीं ये महिलाएं
छत्‍तीसगढ़: खेती-किसानी में पुरुषों को पीछे छोड़ रहीं ये महिलाएं

बिलासपुर, नईदुनिया। छत्तीसगढ़ की लक्ष्मी सिंह और कंचन सिंह ने उन्नत कृषि के मामले में पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है। बिलासपुर संभाग के जांजगीर-चांपा जिले की लक्ष्मी और कंचन ने प्रति एकड़ 22 क्विंटल धान का उत्पादन किया, जो इस इलाके में एक रिकॉर्ड है। यहां आमतौर पर एक एकड़ में 15 से 18 क्विंटल धान ही होता है।

loksabha election banner

लक्ष्मी की कहानी: छत्तीसगढ़ का यह क्षेत्र कृषि उत्पादन में अव्वल माना जाता है। यहां आमतौर पर पुरुष ही खेती-किसानी करते हैं। जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम मेहंदी की श्रीमती लक्ष्मी सिंह परंपरा को तोड़ आधुनिक खेती की मिसाल पेश कर रही हैं। लक्ष्मी बताती हैं कि उनके पति देवेंद्र सिंह का निधन तकरीबन सात वर्ष पहले हो गया था। उस समय तीनों बेटियां छोटी थीं। घर की पूरी जिम्मेदारी उनके कंघों पर आ गई। बेटियों का लालन-पालन करना और पति की विरासत को संभालना चुनौतीपूर्ण काम था।

वह आज 17 एकड़ जमीन पर स्वत: खेती कर रही हैं। वह कहती हैं, मजदूरों से काम लेने और अन्य काम देखने में शुरू में दिक्कत होती थी, लेकिन फिर आदत पड़ गई। अब तो बड़ी बेटी भी खेती में हाथ बंटाती है।

किस्सा कंचन का: शादी के बाद आमतौर पर पति अपनी पत्‍नी को उपहार में सोने-चांदी के गहने देते हैं, लेकिन किसान अजीत सिंह राणा ने पत्नी कंचन को सात एकड़ जमीन उपहार में दी। कंचन के नाम रजिस्ट्री भी करा दी। किसान की बेटी कंचन ने पति का मान रखने के लिए इस जमीन पर खेती का काम ख्रुद संभालना शुरू किया। आज उनकी गिनती कुशल किसान के रूप में होती है।

कंचन बताती हैं कि वह बीते एक दशक से खेती कर रही हैं। अपने हिस्से के खेतों में वह अपनी मर्जी के अनुसार फसल ले रही हैं। इसमें पति का जरा भी हस्तक्षेप नहीं है। खेती के साथ ही वह घर की पूरी जिम्मेदारी भी निभा रही हैं।

यह भी पढ़ें: विश्व ग्रामीण महिला दिवस: चूल्हा-चौका छोड़ खेतों में उतरीं महिलाओं ने संवारा घर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.