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सुप्रीम कोर्ट पहुंची छत्तीसगढ़ सरकार, IPS अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में कैविटी दायर

छत्तीसगढ़ सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप में गत दिनों निलंबित किए गए चर्चित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) जीपी सिंह के खिलाफ कैविएट दायर कर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। एडीजी के खिलाफ सरकार के खिलाफ षड्यंत्र की साजिश के आरोप में राजद्रोह का भी केस दर्ज है।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 10 Jul 2021 02:11 PM (IST)Updated: Sat, 10 Jul 2021 02:11 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट पहुंची छत्तीसगढ़ सरकार, IPS अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में कैविटी दायर
निलंबित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) जीपी सिंह।

नई दिल्ली, पीटीआइ। छत्तीसगढ़ सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप में गत दिनों निलंबित किए गए चर्चित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) जीपी सिंह के खिलाफ कैविएट दायर कर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। एडीजी के खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई राज्य सरकार के खिलाफ षड्यंत्र करने और उसको गिराने की साजिश के आरोप में राजद्रोह का भी केस दर्ज है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) और आर्थिक अपराध शाखा (इओडब्ल्यू) द्वारा सिंह के परिसरों पर छापेमारी के बाद आय से अधिक संपत्ति के मामले में मामला दर्ज किया है।

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पुलिस के अनुसार, छापेमारी के दौरान बरामद दस्तावेजों से पता चला है कि वह चुनी हुई सरकार और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ साजिश रचने में शामिल थे। ऐसे में उनपर राजद्रोह का केस दर्ज किया गया है। राज्य सरकार ने अपने स्थायी वकील सुमीर सोढ़ी के माध्यम से अधिकारी के निलंबन और आय से अधिक संपत्ति के मामले में अदालत द्वारा कोई आदेश पारित करने से पहले सुनवाई की मांग करते हुए दो कैविएट दायर किए हैं।

उधर, राजद्रोह का मामला दर्ज होते ही जीपी सिंह छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की शरण में पहुंच गए हैं। उनकी ओर से पेश याचिका में प्रकरण की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) से जांच कराने और मामले की जांच होने तक एसीबी-ईओडब्ल्यू व स्थानीय पुलिस की कार्रवाई पर रोक लगाने का आग्रह किया गया है। 

1994 के आइपीएस बैच के एक अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) रैंक के अधिकारी जीपी सिंह राज्य पुलिस अकादमी के निदेशक के रूप में तैनात थे। एसीबी/इओडब्ल्यू द्वारा 29 जून को कथित रूप से अर्जित आय से अधिक संपत्ति के संबंध में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के बाद 5 जुलाई को निलंबित कर दिया गया था। एसीबी/इओडब्ल्यू ने 1 से 3 जुलाई तक सिंह से जुड़े लगभग 15 स्थानों पर तीन दिवसीय तलाशी ली और लगभग 10 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति मिलने का दावा किया।


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